कोरोना ने शादी समारोह पर लगाई पाबंदी, 800 परिवारों पर छाया रोजी-रोटी का संकट

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बारातियों की संख्या 20 होने के बाद बैंड बाजा डेकोरेशन घोड़ी वाले व शादी समारोहों से जुड़े अन्य कारोबारियों का रोजगार बुरी तरह से प्रभावित हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 09:58 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 09:58 PM (IST)
कोरोना ने शादी समारोह पर लगाई पाबंदी, 800 परिवारों पर छाया रोजी-रोटी का संकट
कोरोना ने शादी समारोह पर लगाई पाबंदी, 800 परिवारों पर छाया रोजी-रोटी का संकट

विनोद कुमार, पठानकोट

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बारातियों की संख्या 20 होने के बाद बैंड बाजा, डेकोरेशन, घोड़ी वाले व शादी समारोहों से जुड़े अन्य कारोबारियों का रोजगार बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। अब तमाम शादियां बिना बैंड बाजा और डीजे के हो रही हैं। वहीं लोगों के लिए भी ये समस्या खड़ी हो गई है कि समारोह में किसे बुलाए व किसे न बुलाएं। करीब ढाई महीने तक कोरोना के कारण लोगों को शादियां रद करनी पड़ीं और अब 30 जून के बाद अगले चार महीने के लिए शादी के शुभ मुहूर्त पर लाक लगने जा रहा है। इस कारण मैरिज पैलेस, होटल, बैंड बाजे वाले, घोड़ी वाले और डेकोरेशन कारोबारी बेरोजगारी की कगार पर पहुंच गए हैं।

कोरोना की दूसरी लहर में सरकार की नई गाइडलाइन के तहत संख्या कम होने के कारण जहां विवाह का आयोजन करने वाले परेशान हैं वहीं प्रशासन के लिए भी मात्र 20 लोगों की मौजूदगी के नियम का पालन कराना चुनौती से कम नहीं है। आजकल दूल्हा-दुल्हन व चंद बरातियों के वाहन सड़कों से गुजरते हुए दिखाई देते हैं। ऐसे में जिले में बैंडबाजे के कारोबार से जुड़े आठ सौ परिवारों के लिए रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। 700 परिवार बैंडबाजे के कारोबार पर निर्भर : मास्टर कृष्ण गोपाल

पिछले बीस वर्षों से सरना में बैंड के कारोबार से जुड़े कृष्ण गोपाल का कहना है कि जिदगी में इससे बुरा वक्त नहीं देखा। उनका अमृतसर जैंटी बैंड के नाम से कारोबार है। उन्होंने कहा कि कोरोना ने कारोबार को बुरी तरह से हिला दिया है। जिले में 20 से अधिक नामी बैंड हैं जिनके पास सात सौ से अधिक लोग काम करते है। दो सीजनों में लगातार काम दस फीसद पर सिमट गया है, इश कारण उन सात सौ लोगों के परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट आ गया है। कर्मचारियों को वेतन दे पाना मुश्किल हो गया है। सरकार उनके लिए भी कोई विशेष योजना बनाकर आर्थिक सहायता दे ताकि परिवारों की रोजी-रोटी चल सके।

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किस एरिया में कितने हैं बैंड ग्रुप

पठानकोट सिटी में 17

सुजानपुर-5

सरना-2

जुगियाल-2

मीरथल-2

झाकोलाहड़ी 1

धार-2

पिछला सीजन भी हो गया था खराब : जुगल

विवाह-शादियों के सीजन के काम से जुड़े जुगल किशोर का कहना है कि पिछले साल भी जब विवाह का सीजन शुरू हुआ था तो कोरोना ने दस्तक दे दी। लाकडाउन के चलते ज्यादातर शादियां तो कैंसिल हो गई, जो थोड़ी बहुत हुई उसमें आठ से दस लोग ही शामिल हुए जिस कारण न तो बैंडबाजा वालों का काम चला ओर न ही घोड़ी वालों का। पिछले साल नवंबर-दिसंबर में थोड़ा बहुत काम शुरू हुआ परंतु इस बार फिर कोरोना के कारण सब कुछ फीका हो गया। अब जो शादियां हो रही हैं वह केवल दोनों परिवारों के सदस्य ही उसमें शामिल हो रहे हैं। लिहाजा, कारोबार से जुड़े करीब 100 परिवारों के लिए संकट की स्थिति पैदा हो गई है। सरकार उनकी समस्या को ध्यान में रखते हुए उनकी आर्थिक तौर पर सहायता करे ताकि उनका जीवन-यापन सही प्रकार से हो सके।

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