लगातार दूसरे दिन डेंगू के 14 केस मिले, कुल मरीज 142 इनमें 105 मरीज शहरी इलाकों से

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को जिन 14 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है उनमें पठानकोट के आठ घरोटा के एक बुंगल के पांच मरीज शामिल हैं। इसमें 37 ग्रामीण व 105 मरीज शहर के हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 10:20 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 10:20 PM (IST)
लगातार दूसरे दिन डेंगू के 14 केस मिले, कुल मरीज 142 इनमें 105 मरीज शहरी इलाकों से
लगातार दूसरे दिन डेंगू के 14 केस मिले, कुल मरीज 142 इनमें 105 मरीज शहरी इलाकों से

जागरण संवाददाता, पठानकोट : कोरोना के बाद डेंगू वायरस तेजी से पांव पसार रहा है। वीरवार को जहां 14 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई थी, वहीं शुक्रवार को भी जिले में 14 मरीजों की पुष्टि हुई है। अब तक जिले भर में डेंगू के 142 मरीज मिल चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को जिन 14 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है उनमें पठानकोट के आठ, घरोटा के एक, बुंगल के पांच मरीज शामिल हैं। इसमें 37 ग्रामीण व 105 मरीज शहर के हैं। गौर हो कि शहर समेत जिलेभर के कई खाली प्लाटों में बारिश व घरों से निकलने वाला पानी जमा है। जगह-जगह बदबूदार पानी मलेरिया व डेंगू को न्योता दे रहा है। शहर की सबसे बड़ी समस्या खुली नालियां हैं। इन नालियों को ढंकने के लिए कभी किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। समय पर सफाई न होने के कारण ये खुली नालियां कई जगह से जाम है।

गौर हो कि डेंगू एक तरह का वायरल बुखार है। यह वायरस जनित बीमारी है, जो एडीज इजिप्टी मच्छर (मादा) के काटने से फैलती है। डेंगू का मच्छर ज्यादातर दिन में ही काटता है। डेंगू बुखार चार तरह का होता है। इनमें से डी-2 स्ट्रेन को काफी खतरनाक माना जाता है। इस स्ट्रेन की चपेट में आकर कोई भी शख्स बहुत तेजी से बीमार होता है। कई बार यह जानलेवा भी होता है। इसमें बुखार से पीड़ित मरीज का अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। इससे मरीज की मौत भी हो सकती है। ये हैं लक्षण

डेंगू में आम फ्लू जैसे लक्षण उभरते हैं। ये लक्षण 2 से 7 दिन तक रह सकते हैं। डेंगू मच्छर के काटने पर 4 से 10 दिन में बीमारी पूरी तरह फैल जाती है। शुरुआत में सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मिचली आना, उल्टी, हड्डियों या मांसपेशी में दर्द, चकत्ते जैसे लक्षण होते हैं। अगर सही से इलाज न मिला तो यही सामान्य डेंगू गंभीर बन जाता है। इसमें पेटदर्द, खून की उल्टी, तेज सांस चलना, मसूड़ों से खून जैसी दिक्कत हो सकती है। मौसमी बीमारियां भी एक्टिव, सिविल में 20 फीसद मरीज बढ़े

डेंगू के साथ ही मौसमी बीमारियों की चपेट में लोग आ रहे हैं। सेहत विभाग के अनुसार पहले जहां ओपीडी करवाने औसतन 320 मरीज आते थे अब 380 आ रहे हैं। इसमें से 20 फीसद मरीज वायरल फीवर समेत अन्य मौसमी बीमारियों से पीड़ित हैं। डाक्टरों के अनुसार अक्तूबर तक लोगों को परहेज और सतर्क रहने की जरूरत है। मौसम में बदलाव के साथ इस प्रकार की समस्या आ जाती हैं। हालत यह हैं कि सरकारी अस्पताल समेत निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

सिविल अस्पताल में पिछले 20 दिनों से ओपीडी करवाने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। तापमान में उतार चढ़ाव के कारण इस प्रकार की समस्याएं आती हैं। लोगों की थोड़ी सी लापरवाही के कारण इसका भार अस्पतालों पर भी बढ़ने लगा है। सिविल अस्पताल के सामान्य वार्ड में मरीज भरे हुए हैं। मरीजों के दबाव बढ़ने से और स्टाफ की कमी से सेहत विभाग के अधिकारी भी चितित हैं।

अधिकारी बताते हैं कि इन दिनों कोरोना के मरीजों को देखते हुए अलग से वार्ड बनाया गया है। उधर डेंगू के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है, इस कारण इन मरीजों के लिए भी अलग से वार्ड बनाया गया है। इसमे भी कुछ स्टाफ व चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है। मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण समस्य आ रही है।

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