साथी सैनिकों को बचाते हुए कर्नल गुप्ता ने पिया था शहादत का जाम, श्रद्धांजलि समारोह आज

अपने साथियों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए अपने पीछे आने को कहा। जब वे खुद आगे निकल आए तो उनके पांव आतंकियों द्वारा बिछाई गई बारुदी सुरंग में पड़ गया जिससे जबरदस्त विस्फोट हो गया। इस जांबाज सैन्य अधिकारी ने स्वयं शहादत का जाम पीकर अपने साथी सैनिकों की जान को बचा लिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 06:36 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 06:36 AM (IST)
साथी सैनिकों को बचाते हुए कर्नल गुप्ता ने पिया था शहादत का जाम, श्रद्धांजलि समारोह आज
साथी सैनिकों को बचाते हुए कर्नल गुप्ता ने पिया था शहादत का जाम, श्रद्धांजलि समारोह आज

संवाद सहयोगी, बमियाल: जब भी किसी दुश्मन की नापाक दृष्टि भारत माता पर पड़ी तो देश के रणबांकुरों ने दुश्मनों के दांत खट्टे करके भारत माता की आन, बान, शान को बरकरार रखा है। इन्हीं शूरवीरों में से एक थे सीमावर्ती गांव बमियाल निवासी शहीद कर्नल केएल गुप्ता जो 23 सितंबर 1995 को जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में पल्लांवाल क्षेत्र में पाक प्रशिक्षित आतंकवादियों द्वारा बिछाई गई बारुदी सुरंग फटने के कारण शहीद हो गए थे।

शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविदर सिंह विक्की ने बताया कि इस वीर योद्धा का जन्म नौ मई 1949 को पिता शिवराज गुप्ता और माता कौशल्या देवी के घर हुआ। गुरु गोबिद सिंह कालेज चंडीगढ़ में बी.एस.सी. करने के बाद लॉ कालेज चंडीगढ़ से वकालत पास की। 1972 में वे सेना में बतौर लेफ्टिनेंट असम रेजिमेंट में भर्ती हुए। 23 सितंबर 1995 को जब इनकी यूनिट जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में तैनात थी तो वह अपनी यूनिट के साथियों के साथ आतंकियों की तलाश में जुटे हुए थे। अपने साथियों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए अपने पीछे आने को कहा। जब वे खुद आगे निकल आए तो उनके पांव आतंकियों द्वारा बिछाई गई बारुदी सुरंग में पड़ गया, जिससे जबरदस्त विस्फोट हो गया। इस जांबाज सैन्य अधिकारी ने स्वयं शहादत का जाम पीकर अपने साथी सैनिकों की जान को बचा लिया। कुंवर विक्की ने बताया कि इस शूरवीर की शहादत को नमन करने के लिए 23 सितंबर को इनकी याद में बने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल बमियाल में सुबह 11 बजे श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया जा रहा है।

chat bot
आपका साथी