दस साल सरकारी डिस्पेंसरी के दरवाजे एक बार फिर ग्रामीणों के लिए खुले, सीएचओ की हुई तैनाती
गांव माकनपुर में लोगों की सेहत सुविधा के लिए बनाई गई सरकारी डिस्पेंसरी के बंद दरवाजे एक बार फिर ग्रामीणों की सेहत सेवा के लिए खुल गए हैं।
संवाद सहयोगी, बमियाल : गांव माकनपुर में लोगों की सेहत सुविधा के लिए बनाई गई सरकारी डिस्पेंसरी के बंद दरवाजे एक बार फिर ग्रामीणों की सेहत सेवा के लिए खुल गए हैं। एक दशक से ज्यादा समय तक बंद रही इस डिस्पेंसरी को एक बार फिर खोल दिया गया है, ताकि इस क्षेत्र के लोगों को गांव में ही सेहत सुविधा प्रदान की जा सके। 10 वर्ष पूर्व एएनएम के तबादले के बाद यहां तैनाती नहीं किए जाने के कारण डिस्पेंसरी बंद हो गई थी। अब यहां सीएचओ की तैनाती व गांव जनियाल की डिस्पेंसरी में भी सीएचओ की तैनाती हो गई है। लंबे समय से लोग नरोट जैमल सिंह के सरकारी अस्पताल में जा रहे थे। या निजी डाक्टरों पर निर्भर थे। गांव माखनपुर के मंगल सिंह, रवि कुमार, गोगा, हरजिदर सिंह ने बताया कि लोगों में खुशी की लहर है। अब उन्हें उपचार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। यह क्षेत्र भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ-साथ रावी, उज्ज व जलालीया दरियाओं से भी घिरा हुआ है। सरकारी अस्पताल नरोट जैमल सिंह के सीनियर मेडिकल अधिकारी डा. रविकांत ने बताया कि इस डिस्पेंसरी में कई वर्ष पहले एएनएम की ट्रांसफर होने के कारण डिस्पेंसरी लगभग बंद पड़ी थी। अब यहां विभाग की ओर से कम्युनिटी हेल्थ अधिकारी की तैनाती की गई है।