किसान पिता के कहने पर बनी सरपंच, आठ माह में करवाए 25 लाख के विकास कार्य

20 साल की उम्र में सरपंच बनने के बाद पल्लवी ने आठ माह के कार्यकाल में 25 लाख रुपये के कार्य करवाए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 11:14 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 11:14 PM (IST)
किसान पिता के कहने पर बनी सरपंच, आठ माह में करवाए 25 लाख के विकास कार्य
किसान पिता के कहने पर बनी सरपंच, आठ माह में करवाए 25 लाख के विकास कार्य

विनोद कुमार/ प्रिस सलारिया, पठानकोट : पिता के कहने पर सरपंच बनी पल्लवी ठाकुर क्षेत्र में लड़कियों के लिए मिसाल हैं। 20 साल की उम्र में सरपंच बनने के बाद पल्लवी ने अपने आठ माह के कार्यकाल में अब तक गांव में 25 लाख रुपये के विकास कार्य करवाए हैं। पल्लवी का कहना है कि वह अपने पांच साल के कार्यकाल में गांव का कोई भी काम पेंडिग नहीं रहने देना चाहती। बेटी की उपलब्धि पर पिता व परिवार को नाज है।

सपने को पूरा कर रही है बेटी

पल्लवी के पिता ठाकुर केवल सिंह ने कहा कि क्षेत्र में महिलाओं को उतना मान-सम्मान व समानता नहीं मिल रहा जितना मिलना चाहिए। उन्होंने पिछले वर्ष ठान लिया कि इस बार वह बेटी को सरपंच का चुनाव लड़वाएंगे। इसको लेकर बेटी से बात की तो वह तैयार हो गई। गांव के लोगों ने विश्वास करते हुए पल्लवी को गांव की सेवा करने का मौका दिया। बेटी के सरपंच बनने के बाद उन्हें आस-पास के गांवों की रहने वाली लड़कियों के फोन आते हैं कि वह भी उनकी बेटी की तरह बनना चाहते हैं। आप हमारे पिता जी को इस संबंधी समझाएं। पल्लवी के पिता किसान हैं।

ग्रामीण स्तर पर महिला और पुरुष में चल रही दूरी को पूरा करना लक्ष्य

सरपंच पल्लवी ठाकुर का कहना है कि पांच वर्ष के कार्यकाल में मेरा यही सपना होगा कि गांव विकास की ओर अग्रसर हो और महिलाओं को उनके बनते अधिकार दिलाए जाएं।

चुनाव जीतने के डेढ़ माह बाद मिला काम करने का मौका

पल्लवी ठाकुर का कहना है कि पिछले वर्ष 31 दिसंबर को पंचायत का चुनाव हुआ था। चुनाव जीतने के एक-डेढ़ माह बाद उन्हें काम करने का मौका मिला। अपने आठ माह के कार्यकाल में उन्होंने लगभग 25 लाख के विकास कार्य करवाए हैं। इसमें मुख्य रूप से गलियां, पुरानी पाइप को बदलवाना, गली के किनारे डंगे वगैरह लगवाने व गांव के शमशानघाट को जाने वाले रास्ते का निर्माण करवाकर गांववासियों को राहत पहुंचाई है।

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