जिले में एक ट्रामा सेंटर, पर हाईवे से पांच किमी. दूर

सिविल अस्पताल में बनाए गए ट्रामा सेंटर सभी मूलभूत सुविधाओं से परिपूर्ण है। आर्थो सर्जरी से लेकर सभी इमरजेंसी केस का ट्रामा सेंटर में उपचार किया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 06:35 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 06:35 PM (IST)
जिले में एक ट्रामा सेंटर, पर हाईवे से पांच किमी. दूर
जिले में एक ट्रामा सेंटर, पर हाईवे से पांच किमी. दूर

संवाद सहयोगी, पठानकोट :

सिविल अस्पताल में बनाए गए ट्रामा सेंटर सभी मूलभूत सुविधाओं से परिपूर्ण है। आर्थो सर्जरी से लेकर सभी इमरजेंसी केस का ट्रामा सेंटर में उपचार किया जाता है। इसके अतिरिक्त जिले में कही और ट्रामा सेंटर नहीं बाया गया है। यह ट्रामा सेंटर नेशनल हाइवे से करीब पांच किमी दूर है।

सिविल का ट्रामा सेंटर 24 घंटे मरीजों के लिए उपलब्ध है और इसमें हर समय एक डाक्टर ड्यूटी रूटीन वाइज होती है। ट्रामा सेंटर में इलेक्टिव सर्जरी, सर्जरी, आर्थो आपरेशन, एक्सीडेंटल केस आदि केस हैंडल किए जाते हैं। इस सेंटर में पूरा उपचार सरकारी खर्च पर निशुल्क किया जाता है। 90 प्रतिशत केस आयुष्मान कार्ड वाले रोगियों के देखे जाते हैं। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि लोगों की सुविधा के लिए हाईवे पर भी ट्रामा सेंटर तैयार करवाएं ताकि आपात काल में लोग अपने निकट ट्रामा सेंटर में पहुंच कर उपचार की सुविधा ले सकें। छह पोस्ट ट्रामा सेंटर में, सभी फुल

ट्रामा सेंटर में छह पोस्ट विशेषज्ञ डाक्टरों की है। इन सभी पदों पर डाक्टर तैनात हैं। इसमें एक डाक्टर अपनी डे वाइज ड्यूटी 24 घंटे निभा रहा है और दस के करीब सेंटर में स्टाफ तैनात रहता है जो अलग-अलग शिफ्ट वाइज काम करते हुए मरीजों की देखभाल कर रहा है।

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कैंसर, ट्यूमर के ट्रीटमेंट के साथ दूरबीन आपरेशन भी होगा शुरू

डा. शारिन धीमान ने बताया कि ट्रामा सेंटर में कई गंभीर मरीजों की जान बचाई गई है। जैसे कैंसर वाले मरीज, हड्डी के ट्यूमर वाले, एक्सीडेंट केस सहित आदि कई प्रकार के मरीजों को बेहतर सेहत सुविधाएं देकर बचाया गया है। ऐसे में अब वह अगले सप्ताह से दूरबीन वाले आपरेशन भी शुरू करने जा रहे है, जो समय समय पर होते रहेंगे। सिविल के अलावा ओर कहीं भी नहीं ट्रामा सेंटर

सिविल के अलावा ओर कहीं भी ट्रामा सेंटर नहीं है और इसमें सभी प्रकार की सुविधा मरीजों को दी जाती है। मरीजों को बढि़यां सुविधा के साथ यहां माहिर स्टाफ की ड्यूटी रहती है। जिले में जितने भी हाइवे ही उन पर एक भी ट्रामा सेंटर नहीं है। ट्रामा सेंटर में ज्यादातर आर्थो के केस ही आते है। यह मिलती सुविधा

ट्रामा सेंटर में कैंसर का उपचार, हड्डी का ट्यूमर, एक्सीडेंट केस, डिस्क की समस्या सहित अलग-अलग तरह की इलेक्टिव सर्जरी के साथ साथ अन्य प्रकार की मूलभूत सुविधाएं दी जाती हैं। ज्यादातर मरीजों का उपचार ट्रामा सेंटर में ही किया जाता है अगर जरूरत पड़े तो ही मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जाता है। दो माह में हुए 50 हादसे, सभी का उपचार ट्रामा सेंटर में

एसएमओ डा. राकेश सरपाल के छुट्टी पर होने के बाद कार्यभार देख रहे सर्जन डा. सुनील चंद ने कहा कि पिछले दो माह में करीब पचास हादसे हाईवे पर हो गए है और इस दौरान जिले में जितने भी जगह पर हादसे हुए है उन सभी का उपचार ट्रामा सेंटर में ही किया गया है। हाइवे एंबुलेंस के जरिए ही मरीज को उठाकर सिविल में लाया जाता है। इनमें कई ऐसे भी मरीज है जो गंभीर व्यवस्था में रहे, जिनका उपचार कर उन्हें मौत के मुंह से निकाला गया है। बाकी दूसरी बीमारी को मिलाकर करीब 250 मरीज इस ट्रामा सेंटर से पिछले दो माह में उपचार करवा चुके है।

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