निष्काम भाव से किए कर्म से मनुष्य की योग्यता में आता है निखार आता : अशोक शास्त्री

अशोक शास्त्री महाराज ने एकादशी गीता जयंती भक्ति श्रद्धा व स्वाध्याय करने का आह्वान कर अपने गौरवमई अतीत व मूल से जुड़ने के लिए कहा ताकि सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार हो सके।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 05:45 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 05:45 PM (IST)
निष्काम भाव से किए कर्म से मनुष्य की योग्यता में आता है निखार आता : अशोक शास्त्री
निष्काम भाव से किए कर्म से मनुष्य की योग्यता में आता है निखार आता : अशोक शास्त्री

संवाद सहयोगी, घरोटा: फल की लालसा से किया कर्म कर्तव्य की योग्यता को नष्ट करता है। यह बात अशोक शास्त्री महाराज ने गांव पच्चोवाल के श्री लक्ष्मी नारायण पावन धाम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं को प्रवचन करते हुए कही। अशोक शास्त्री महाराज ने कहा कि निष्काम भाव से कर्म करते हैं तो मनुष्य की योग्यताएं निखरती हैं। वहीं भीतर से सुख छलकने के अतिरिक्त बुद्धि व शारीरिक विकास होता है। अशोक शास्त्री महाराज ने एकादशी, गीता जयंती, भक्ति, श्रद्धा व स्वाध्याय करने का आह्वान कर अपने गौरवमई अतीत व मूल से जुड़ने के लिए कहा, ताकि सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार हो सके। उन्होंने कहा कि रजोगुण व तमोगुण युक्त भोजन से मन अशांत होता है। वहीं सत्वगुण भोजन से मन शुद्ध व शांत होता है। मनुष्य जन्म दुर्लभ है। 84 लाख योनियों के उपरांत मिले इस पवित्र जीवन को अच्छे व नेक कार्यो में लगाना चाहिए। अंत में धाम के संचालक स्वामी रामानंद जी चैतन्य ने मधुर कीर्तन कर किया।

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