मूर्ति विसर्जित करते समय 26 वर्षीय युवक चक्की खड्ड में बहा, मौत

घटना रविवार देर शाम को चक्की खड्ड में गुरदीप गिरी आश्रम के पास घटित हुई। रात को जब पुलिस रवि को ढूंढने में असफल रही तो सोमवार सुबह जसूर से एनडीआरएफ व गोताखोर बुलाए गए और बाद दोपहर रवि का शव घटना स्थल से चार किलोमीटर दूर गांव माजरा के पास मिला।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 10:29 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 10:29 PM (IST)
मूर्ति विसर्जित करते समय 26 वर्षीय युवक चक्की खड्ड में बहा, मौत
मूर्ति विसर्जित करते समय 26 वर्षीय युवक चक्की खड्ड में बहा, मौत

जागरण संवाददाता, पठानकोट: परिवार संग शहर से सटी चक्की खड्ड में रविवार को श्री गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित करने गया एक 26 वर्षीय युवक पानी के तेज बहाव में बह गया। रेस्क्यू के लिए 12 घंटे के बाद एनडीआरएफ टीम पहुंची और 22 घंटे बाद उसका शव मिला है। युवक की पहचान शहर के मोहल्ला प्रीतनगर निवासी रवि के रूप में हुई है।

घटना का पता चलने पर थाना डमटाल की पुलिस टीम मौके पर पहुंची, लेकिन वह भी उसे बचा न सकी। घटना रविवार देर शाम को चक्की खड्ड में गुरदीप गिरी आश्रम के पास घटित हुई। रात को जब पुलिस रवि को ढूंढने में असफल रही तो सोमवार सुबह जसूर से एनडीआरएफ व गोताखोर बुलाए गए और बाद दोपहर रवि का शव घटना स्थल से चार किलोमीटर दूर गांव माजरा के पास मिला।

बताया जा रहा है कि मूर्ति विसर्जित करने के बाद रवि जैसे ही चक्की खड्ड में उतरा तो वह पानी के तेज बहाव में फंस गया और देखते ही देखते बहाव के साथ ही बह गया। उसके साथ गए परिजनों ने चीखो-पुकार मचाई तो साथ लगते एरिया से लोग पहुंचे और डमटाल पुलिस को सूचित किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि समय पर गोताखोर मिल जाते तो शायद रवि को बचाया जा सकता था। जिला प्रशासन के पास गोताखोर न होने के कारण रवि सहित पिछले दो महीनों में कई लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में अगर जिला प्रशासन द्वारा गोताखोर का प्रबंध किया जाता है तो रवि जैसे कई लोगों को बचाया जा सकता था। भाई को ढूंढने के लिए लगा दी पानी में छलांग, जख्मी

मृतक के रिश्तेदार भगत परला दास ने बताया कि रविवार की देर शाम रवि अपने परिवार व रिश्तेदारों के साथ बड़ी हंसी खुशी से गणेश जी प्रतिमा को विर्सजित करने के लिए चक्की खड्ड में गया थे। मूर्ति विर्सजित करने के बाद पानी के बहाव के कारण अचानक उसका पांव फिसल गया और वह गहरे पानी में समा गया, जिसके बाद वह बाहर ही नहीं आया। रवि पुराने कपड़े बेचने का कारोबार करता है और उसका नौ महीने का एक बेटा भी है। रवि के डूबने की खबर का जैसे ही उसके बड़े भाई कमल को पता चली तो उसने उसे ढूंढने के लिए चक्की खड्ड में छलांग लगा दी, जिससे उसका सिर पत्थर से जा टकराया और वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

रात आठ बजे तक रवि को ढूंढने का प्रयास करते रहे: थाना प्रभारी

उधर, थाना डमटाल के प्रभारी एसआइ रमेश बैंस ने बताया कि रविवार देर शाम को किसी ने उन्हें चक्की खड्ड में एक व्यक्ति के बहने की जानकारी दी। इसके बाद रात आठ बजे तक पुलिस ने अपने स्तर पर उसे ढूंढने का बड़ा प्रयास किया परंतु उसका कोई पता नहीं चल पाया। सोमवार सुबह जसूर से गोताखोर व एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। उन्होंने बताया कि सोमवार की दोपहर बाद चक्की खड्ड से करीब चार किलोमीटर दूर पड़ते गांव माजरा के पास रवि का खड्ड से शव मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर 174 सीआरपीसी के तहत कार्यवाई करके शव को पोस्टमार्टम के लिए जसूर सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

chat bot
आपका साथी