25 वर्ष पहले 500 एकड़ में तीन तरह की फसल उगाते थे किसान, अब पूछ रहे कैसे करें खेती.. अवैध खनन के कारण से 4.5 किमी. लंबी कूल सूख गई
कारण यह है कि गांव हरियाल से होते हुए छतवाल तक जाने वाली कूल में पानी नहीं होता। 4.5 किलोमीटर सफर तय करनी वाली कूल लगभग सूख चुकी है। सिचाई का इन किसानों के पास कोई साधन नहीं है।
जागरण संवाददाता, पठानकोट : आज से करीब 25 साल पहले तक बधार, टाडा, जंडवाल, हरियाल, छतवाल के किसान हर साल अपने खेतों में तीन फसल उगाते थे। इसमें धान प्रमुख था, जिससे काफी अच्छी आमदनी होती थी। अब पांच सौ एकड़ भूमि में सब्जियां भी मुश्किल से उगाई जा रही है। कारण यह है कि गांव हरियाल से होते हुए छतवाल तक जाने वाली कूल में पानी नहीं होता। 4.5 किलोमीटर सफर तय करनी वाली कूल लगभग सूख चुकी है। सिचाई का इन किसानों के पास कोई साधन नहीं है।
दरअसल, इसके पीछे का मूल कारण अवैध खनन है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि चक्की रेलवे पुल के आसपास जो खड्ड हैं उसमें बड़े स्तर अवैध खनन होता आ रहा है, जबकि यहां पर खनन मना है। यह क्षेत्र आर्मी एरिया से जुड़े होने के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट ने रोक लगा रखी है। इसके अलावा स्थानीय लोगों ने भी खनन पर स्टे ले रखा है। इसकी कापी उनके पास है। इसके बावजूद बड़े पैमाने पर खनन हो रहा है। इस बारे में कई बार खनन अधिकारी को शिकायत की जा चुकी है। पुलिस में भी शिकायत की गई है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। सरकार भी नहीं चाहती कि खनन माफिया पर कार्रवाई हो। इसलिए इनका मनोबल काफी ऊंचा है। ये लोग किसी की परवाह नहीं करते।
छतवाल निवासी प्रोफेसर रविद का कहना है कि यहां पर काफी समय से कूल चलती थी, जिससे साल भर किसान सिचाई कर सकते थे। 20 फीट चौड़ी कूल चक्की दरिया से होते हुए छतवाल को जाती थी। इस क्षेत्र के किसान इसी पर निर्भर थे और काफी खुशहाल थे। अवैध खनन के कारण चक्की रेलवे पुल के पास यह 15 से 20 फीट गहरा हो गया है। इस कारण दरिया का पानी कूल तक नहीं पहुंचता। इसको लेकर स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से सहायता की मांग उठाई है। पुल के सहारे कूल को जोड़ जाए
स्थानीय निवासी बलराम सिंह का कहना है कि प्रशासन अगर चाहे तो कूल तक पानी को पहुंचाया जा सकता है। हमने सांसद सन्नी देओल को एक पत्र भेजकर इसकी मांग की है। उन्होंने बताया कि सौ मीटर का पुल बना कर उसके उपर से कूल को जोड़ दिया जाए। इससे पानी की समस्या दूर हो जाएगी। ये केंद्र सरकार योजना भी है, इसपर अधिक खर्च नहीं होगा। हमने कुछ समय पहले लोगों की मदद से एक अस्थायी पुल बनाया था। 20 हजार लोगों को होगा फायदा
चक्की दरिया से कूल तक पानी न पहुंचने से खेत बंजर में तब्दील होती जा रही है। यहां के लोग अब पशुओं के लिए चारा भी नहीं उगा पा रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर पुल बनाकर कूल तक पानी पहुंचाया जाता है तो करीब दस गांव के 20 हजार लोगों को फायदा होगा।