अपने खर्चे पर सतना के लिए रवाना हुए कामगार

उन्होंने कहा कि वह एक महीने पहले जिला प्रशासन को घर भेजने की मांग कर रहे थे परंतु उनकी मांग पर कोई गौर नहीं की गई। जिला प्रशासन की ओर से कब कोई संदेश आएगा इसका अभी कोई पता नहीं है। ऐसे में उनके लिए यहां पर रहना मुश्किल होता जा रहा है। जमा किए पैसों से वह जैसे-तैसे घर पहुंच जाएंगे ताकि कम से कम उन्हें रोटी के लिए तो परेशानी न होगी। विनोद कुमार पठानकोट।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 05:35 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 05:35 PM (IST)
अपने खर्चे पर सतना के लिए रवाना हुए कामगार
अपने खर्चे पर सतना के लिए रवाना हुए कामगार

जासं, पठानकोट :

जिला प्रशासन की ओर से बेशक श्रमिकों को सरकारी खर्च पर भेजने का काम किया जा रहा है। लेकिन, सवा महीने बाद भी नंबर नहीं आया तो श्रमिकों ने अपने खर्च पर ही पलायन करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को सतना मध्य प्रदेश के 20 श्रमिक जुगियाल से बस स्टैंड पहुंचे और जालंधर के लिए टिकट कराई।

इससे पूर्व तपती धूप में करीब 20 लोग बस स्टैंड पहुंचे। यहां थर्मो स्केनिग के बाद परिसर में प्रवेश मिला। इसके बाद श्रमिक जालंधर के लिए रवाना हुए।

मध्य प्रदेश के जिला सतना निवासी रविद्र कुमार, राज कुमार, सुनैना व हेमंत ने कहा कि वह शाहपुरकंडी में बैराज का निर्माण करवा रही सोमा कंपनी में काम करते हैं। इससे पूर्व भी वह दो बार अपने घर जाने के लिए आए थे परंतु जिला प्रशासन ने उन्हें वापस भेज दिया था। लेकिन, दो दिन पहले उनके कई साथियों को कंपनी ने अपने खर्चे पर घर जाने की मंजूरी दे दी थी।

उन्होंने कहा कि बस स्टैंड से वह जालंधर जाएंगे और वहां से सतना के लिए चल रही ट्रेन से अपने घर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि वह एक महीने पहले जिला प्रशासन को घर भेजने की मांग कर रहे थे परंतु उनकी मांग पर कोई गौर नहीं की गई। ऐसे में उनके लिए यहां पर रहना मुश्किल होता जा रहा है।

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