एक दिन में 11 लोगों को लगा डेंगू का डंक, आंकड़ा 50 पार
जिले में डेंगू का कहर बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार को जिले में एक ही दिन में 11 डेंगू के मरीज पाए गए।
संवाद सहयोगी, मलिकपुर : जिले में डेंगू का कहर बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार को जिले में एक ही दिन में 11 डेंगू के मरीज पाए गए। इसके बाद जिले में डेंगू से पीड़ितों का आंकड़ा 52 पहुंच गया है। इससे पहले शुक्रवार तक जिले के डेंगू मरीजों की संख्या 41 थी जो अब 50 पार हो गई है। नये आए पाजिटिव मरीज पठानकोट, घरोटा, नरोट जैमल सिंह व बधानी के रहने वाले हैं। कोरोना के बाद डेंगू ने भी लोगों को आतंकित कर दिया है। विभाग ने नष्ट किया लारवा
डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सोमवार को सेहत विभाग की टीम ने मोहल्ला खारा खूह (पठानकोट) क्षेत्र में 45 घरों का सर्वे कर डेंगू का लारवा जांचा। इस दौरान टीम ने घरों में रखे गमले, पंछियों के लिए रखे पीने के पानी के बर्तन, फ्रिज की ट्रे, पानी के बर्तन व ड्रम सहित छत पर बेकार पड़े सामान की जांच की। इस दौरान सेहत विभाग की टीम को दो घरों में फ्रिज की ट्रे और पानी के ड्रम में डेंगू का लारवा मिला, जिसे टीम ने मौके पर नष्ट किया। लक्षण दिखने पर करवाएं चेकअप
हेल्थ इंस्पेक्टर अविनाश शर्मा ने कहा कि डेंगू के लक्षण दिखें तो तुरंत नजदीक के सिविल अस्पताल में इसकी जांच जरूर करवाएं। लोग अपने घरों के आसपास साफ पानी जमा न होने दें और पंछियों के पानी के बर्तन, गमले, फ्रिज की ट्रे और पानी के बर्तन हफ्ते में एक दिन जरूर सुखाएं। ये हैं डेंगू के लक्षण
-अचानक तेज बुखार।
-सिर में आगे की ओर तेज दर्द।
-आंखों के पीछे दर्द और आंखों के हिलने से दर्द में और तेजी।
-मांसपेशियों (बदन) व जोड़ों में दर्द।
-स्वाद का पता न चलना व भूख न लगना।
-छाती और ऊपरी अंगों पर खसरे जैसे दाने
-चक्कर आना।
-जी घबराना व उल्टी आना।
-शरीर पर खून के चकते एवं खून की सफेद कोशिकाओं की कमी।
-बच्चों में डेंगू बुखार के लक्षण बड़ों की तुलना में हल्के होते हैं।
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ऐसे करें बचाव
-छोटे डिब्बों व जलभराव वाले स्थानों से पानी निकालें
-कूलरों का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें
-घर में कीटनाशक का छिड़काव करें
-बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जिससे उनके हाथ-पांव पूरी तरह से ढके रहें
-सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें
-मच्छर भगाने वाली दवाइयों/ वस्तुओं का प्रयोग करें
-टंकियों तथा बर्तनों को ढककर रखें
-सरकार के स्तर पर किये जाने वाले कीटनाशक छिड़काव में सहयोग करें
-आवश्यकता होने पर जले हुए तेल या मिट्टी के तेल को नालियों में जमा पानी पर डाले