शारीरिक दूरी के नियम की उड़ी धज्जियां, किसानों ने किया प्रदर्शन
नवांशहर संयुक्त किसान मोर्चा व विभिन्न संगठनों ने शनिवार को कोरोना प्रोटोकाल के तहत शारीरिक दूरी का ध्यान न रखते हुए शहर में लाकडाउन और कर्फ्यू के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों ने मास्क भी नहीं पहने हुए थे। इसके तहत स्थानीय चंडीगढ़ चौक पर धरना भी दिया गया।
जागरण संवाददाता, नवांशहर
संयुक्त किसान मोर्चा व विभिन्न संगठनों ने शनिवार को कोरोना प्रोटोकाल के तहत शारीरिक दूरी का ध्यान न रखते हुए शहर में लाकडाउन और कर्फ्यू के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों ने मास्क भी नहीं पहने हुए थे। इसके तहत स्थानीय चंडीगढ़ चौक पर धरना भी दिया गया।
इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों ने सेहत सेवाओं का पुख्ता प्रबंध करने, डाक्टरों व नर्सो की अपेक्षित भर्ती करने, दवाएं, वेंटीलेटर और आक्सीजन की कमी दूर करने और कोरोना के नाम पर काटे जा रहे चालान काटने बंद करने की मांग की।
इस मौके पर सुरिदर सिंह बैंस, भुपिदर सिंह वड़ैच, जसबीर दीप, स्वतंत्र कुमार, कुलदीप सिंह,चरनजीत सिंह दौलतपुर, तरसेम सिंह, गुरबखश कौर संघ, बिल्ला गुज्जर, परमजीत सिंह शहाबपुर, मक्खण सिंह भानमजारा व परवीन कुमार निराला ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और पंजाब की कैप्टन सरकार कोरोना बीमारी के साथ कम परंतु लोगों के खिलाफ ज्यादा लड़ाई लड़ रही है। वर्तमान में इन सरकारों के सेहत प्रबंधों की पोल खुल गई है, जो एक साल में लोगों के लिए न तो अपेक्षित आक्सीजन का प्रबंध कर सकी हैं और न ही वेंटीलेटर, बिस्तरों और दवाओं का। इसलिए इन सरकारें को हजारों लोगों की मौत के आरोप से बरी नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और पंजाब की कैप्टन सरकार लाकडाउन और कर्फ्यू लगाकर खेती कानूनों के विरुद्ध चल रहे संघर्ष को गिराना चाहतीं है, परंतु इनके यह बुरे मंसूबे सफल नहीं होंगे। दुकानदारों और दूसरे कारोबारियों के धंधे चौपट होने के कगार पर हैं। लंबा लाकडाउन लगने के डर से दूसरे प्रदेशों के मजदूर पंजाब से लौट रहे हैं। सरकार संकट की घड़ी की दुहाई दे कर लोगों को पाबंदियों का पालन करने के लिए आदेश सुना रही है, परंतु जरूरतमंदों की एक रुपये की भी मदद नहीं कर रही है। आक्सीजन की कमी के कारण कीमती जानें जा रही हैं।
वहीं कोरोना का डर निजी अस्पतालों के लिए सोने के अंडे देने वाली मुर्गी साबित हो रहा है। हर रोज प्रयोग की जाने वाली चीजों और दवाओं की कीमतों पर सरकार का कोई कंट्रोल नहीं है। ब्लैक मार्केटिंग करने वाले खूब कमा रहे हैं, परंतु निशाना गरीब रेहड़ियों वालों को बनाया जा रहा है।
इस मौके पर सतनाम, निर्मल सिंह जलाहमजारा, जरनैल सिह राणेवाल, तरसेम महालों, जसविंदर सिंह भंगल, प्रीतम सिंह रमला, सिमरनजीत कौर रिसी, मनजीत कौर अलाचौर, किरनजीत कौर व पुनीत कलेर ने भी विचार प्रकट किए।