25 ट्रैफिक कर्मचारी संभाल रहे साढ़े छह लाख की आबादी के यातायात की जिम्मेदारी

यातायात पुलिस व परिवहन विभाग के सुरक्षित यातायात के लिए किए गए तमाम प्रबंध बेमानी साबित हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 02:35 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 11:43 PM (IST)
25 ट्रैफिक कर्मचारी संभाल रहे साढ़े छह लाख की आबादी के यातायात की जिम्मेदारी
25 ट्रैफिक कर्मचारी संभाल रहे साढ़े छह लाख की आबादी के यातायात की जिम्मेदारी

सुशील पांडे, नवांशहर: यातायात पुलिस व परिवहन विभाग के सुरक्षित यातायात के लिए किए गए तमाम प्रबंध बेमानी साबित हो रहे हैं। इच्छाशक्ति के अभाव में सड़क सुरक्षा के लिए जिम्मेदार विभागों की तैयारी न के बराबर ही है। संसाधनों की कमी दूर करने के लिए अब तक किए गए सारे प्रयास बेअसर साबित हुए हैं। 25 ट्रैफिक कर्मचारियों के कंधे पर साढ़े छह लाख की आबादी के सुचारू यातायात की जिम्मेदारी है। हालात यह हैं कि पिछले कई वर्षों से चौराहों की ट्रैफिक लाइटें बंद पड़ी हैं, पर इन्हें ठीक ही नही करवाया जा रहा है। संसाधनों के अभाव मे जिले में आए दिन सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। अगर पर्याप्त संसाधन और वाजिब व्यवस्था हो, तो हादसों की तादाद बहुत हद तक कम की जा सकती है। संसाधनों की कमी स्मार्ट पुलिसिंग की राह में रोड़ा बनी हुई है। हाईवे पर बने बाईपास पर भी ट्रैफिक लाइटें तक नही लगाई गई है। तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्पीडोमीटर वैन नहीं हैं। ड्राइविग करने के दौरान शराब व मोबाइल का प्रयोग भी घातक साबित हो रहा है। सड़क पर नो पार्किंग जोन पर बेतरतीब खड़े वाहनों को जब्त करने के लिए व्हीकल क्रेचर क्रेन की मुक्कमल व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा इलेक्ट्रानिक स्टीक, ब्रेथ एनलाइजर, डिजिटल कैमरे, आनलाइन मानीटरिग सिस्टम भी परिवहन व पुलिस विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। कई स्थानों पर रिफ्लेक्टर व दिशा सूचक नहीं लगे है। शहर के कई प्रमुख चौक- चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती नहीं होने से भी जाम से लेकर दुर्घटनाएं हो रही है। परिवहन विभाग फिटनेस के नाम पर महज खानापूर्ति करता है। विभाग ने प्रदूषण से लेकर फिटनेस जांच करने की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को भी दे रखी है। इसके अलावा अनफिट वाहनों को जब्त करने में भी सुस्ती बरती जा रही है। अक्टूबर में काटे सिर्फ पांच चालान परिवहन नियमों का पालन कराने के लिए परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस के पास संसाधन की काफी कमी है। यातायात विभाग के पास न तो खामियों की जांच करने का यंत्र है और न ही ट्रैफिक पुलिस के पास कार्रवाई के लिए पूरा पुलिस बल है। ओवरलोड व अनफिट वाहनों पर पूरी तरह रोक नही लग रही है। अक्टूबर माह में ओवरलोड वाहनों के मात्र पांच चालान ही काटे गए हैं। यातायात नियमों के अनुसार न तो कई स्कूल वाहनों और न ही बसों में फस्ट एड की व्यवस्था है। शहर का रेलवे रोड व चंडीगढ़ रोड सबसे व्यस्त रोड है फिर भी यहां पर अवैध पार्किंग होती है।

ट्रैफिक पुलिस हर माह सैकड़ों की तादाद में नियमों का न मानने वालों के चालान करती है । यह क्रम लगातार जारी है।

रत्न सिह, ट्रैफिक इंचार्ज ।

यातायात विभाग के पास जिन भी संसाधनों की कमी है, उन्हें जल्द ही दूर कर दिया जाएगा। ट्रैफिक लाइटों को ठीक करवाने के लिए संबंधित विभाग को लिखा गया है।

जगजीत सिंह जौहल, एसडीएम, नवांशहर।

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