टोल प्लाजा बछुआं में किसानों का धरना जारी

देश में कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन ने विराट रूप धारण कर लिया है। किसान दिल्ली सरकार तक पहुंच गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 03:37 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 03:37 PM (IST)
टोल प्लाजा बछुआं में किसानों का धरना जारी
टोल प्लाजा बछुआं में किसानों का धरना जारी

संवाद सहयोगी, काठगढ़ : देश में कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन ने विराट रूप धारण कर लिया है। किसान दिल्ली सरकार तक पहुंच गए हैं। अब फैसला आर-पार पर पहुंच गया है। किसानों ने केंद्र सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया है। पंजाब के किसान-मजदूर रणनीति के हिसाब से टोल प्लाजा पर बैठे हैं। टोल प्लाजा बछुआं मं अपने धरने के 48वें दिन में कुलहिद किसान यूनियन के मीत प्रधान राणा कर्ण सिंह ने कहा कि जब तक कृषि कानून को वापस नहीं लिया जाता, तब तक किसान धरने पर कायम रहेंगे। राणा कर्ण सिंह ने कहा कि देश का अन्नदाता जाग उठा है। अब कोई उसे रोक नहीं सकता। अब यह संघर्ष किसान संघर्ष नहीं रहा, लोक संघर्ष में तबदील हो गया है। सारे देश के किसान एक प्लेट फार्म पर पहुंच चुके हैं। पार्टी बाजी से ऊपर उठकर अब संघर्ष लोक संघर्ष का रूप धारण करक चुका है। देश की 500 किसान जत्थेबंदियां दिल्ली पहुंची हुई हैं। अब दिल्ली दूर नहीं वाली कहावत सच होगी। किसान संगठनों को जनता ने पूरा सहयोग दिया है। इस अवसर पर करनैल सिंह भल्ला, गुरचरण सिंह, हरदीप सिंह, संतोख सिंह, चरणजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, देसराज पूर्व सरपंच बछुआं, मेला राम, सुखपाल सिंह आदि उपस्थित थे।

संवाद सहयोगी, काठगढ़ : देश में कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन ने विराट रूप धारण कर लिया है। किसान दिल्ली सरकार तक पहुंच गए हैं। अब फैसला आर-पार पर पहुंच गया है। किसानों ने केंद्र सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया है। पंजाब के किसान-मजदूर रणनीति के हिसाब से टोल प्लाजा पर बैठे हैं। टोल प्लाजा बछुआं मं अपने धरने के 48वें दिन में कुलहिद किसान यूनियन के मीत प्रधान राणा कर्ण सिंह ने कहा कि जब तक कृषि कानून को वापस नहीं लिया जाता, तब तक किसान धरने पर कायम रहेंगे। राणा कर्ण सिंह ने कहा कि देश का अन्नदाता जाग उठा है। अब कोई उसे रोक नहीं सकता। अब यह संघर्ष किसान संघर्ष नहीं रहा, लोक संघर्ष में तबदील हो गया है। सारे देश के किसान एक प्लेट फार्म पर पहुंच चुके हैं। पार्टी बाजी से ऊपर उठकर अब संघर्ष लोक संघर्ष का रूप धारण करक चुका है। देश की 500 किसान जत्थेबंदियां दिल्ली पहुंची हुई हैं। अब दिल्ली दूर नहीं वाली कहावत सच होगी। किसान संगठनों को जनता ने पूरा सहयोग दिया है। इस अवसर पर करनैल सिंह भल्ला, गुरचरण सिंह, हरदीप सिंह, संतोख सिंह, चरणजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, देसराज पूर्व सरपंच बछुआं, मेला राम, सुखपाल सिंह आदि उपस्थित थे।

मेडिकल प्रैक्टिशनर देश के अन्नदाता के साथ खड़े : रमेश बाली

वहीं, काठगढ़ में मेडिकल प्रैक्टिशनर एसोसिएशन पंजाब किसानों के समर्थन में आई है। एसोसिएशन देश के अन्नदाता के साथ खड़ी है। यह बात मेडिकल प्रैक्टिशनर एसोसिएशन पंजाब के प्रधान रमेश बाली ने काठगढ़ में कही। इस अवसर पर उनके साथ जिला प्रधान सुरिदर सिंह जैनपुरी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का शीघ्र मसला हल करे। वरना देश का माहौल और ज्यादा खराब होगा। दिल्ली से मेडिकल प्रैक्टिशनर भी संघर्ष में साथ हैं। जब तक कानून वापस नहीं होता, प्रधानमंत्री के लगातार पुतले जलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कासन को गुलाम बनाकर उससे काम नहीं लिया जा सकता। पंजाब का किसान कमजोर नहीं है, पढ़ा लिखा है सब समझ रहा है। मेडिकल प्रेक्टिशनर जत्थेबंदी किसानों के हर मसले में साथ रहेगी। जब अन्नदाता संकट में होगा तो हर नागरिक संकट में रहेगा। इसके साथ सभी काम काज, रोजगार से जुड़े हुए हैं। केंद्र सरकार बिल को वापस लेकर शांति का माहौल पैदा करे। इस अवसर पर उनके साथ ब्लाक प्रधान बलाचौर मंगत राय तथा ब्लाक काठगढ़ के प्रधान राजिदर लक्की तथा ब्लाक जाडला प्रधान अवतार बाली, शमिल थे। वह काठगढ़ में अगली रणनीति पर विचार विमर्श करने आए थे।

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