कुत्ते हुए बेलगाम, कौंसिल पकड़ने में नाकाम
नवांशहर शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है।
मुकंद हरि जुल्का, नवांशहर: नवांशहर शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। मुख्य सड़कों से लेकर गली-मोहल्लों तक आवारा कुत्तों के झुंड दिखाई दे रहे हैं। इनके काटने के मामले रोज सामने आ रहे हैं, पर नगर कौंसिल कुत्तों को पकड़ने और इस समस्या से निजात दिलाने के लिए अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। शहर के लोगों में नगर कौंसिल के प्रति रोष है। लोग अंधेरे में बाहर नहीं निकल सकते। मुख्य सड़कों से लेकर गली-मोहल्लों तक कुत्तों के झुंड दिखाई देते हैं। जिला अस्पताल नवांशहर में रोजाना तीन से चार केस कुत्तों के काटने के आ रहे हैं। इसके अलावा कई लोग निजी अस्पतालों से अपना इलाज करवा रहे हैं। पिछले साल बेशक कुत्तों की नसबंदी के लिए मुहिम चलाई गई थी, पर कोरोना के कारण इस मुहिम को रोक दिया गया। दोबारा इस मुहिम को चलाया ही नहीं गया है। आवारा कुत्तों के कारण शाम के समय छोटे बच्चों और बुजुर्गों का अकेले घर से निकलना बहुत ही मुश्किल लगता है। कुत्ते बाइक सवार के पीछे दौड़ने सहित राह चलते लोगों को भी काटने के लिए दौड़ते हैं। इससे रोजाना कोई न कोई छोटे एक्सीडेंट होते रहते हैं। कोठी रोड के रहने वाले अशोक भारद्वाज, मोहित कुमार व मोहल्ला निवासी भास्कर पाठक ने कहा कि रात को और सुबह सैर करने के लिए निकलते हैं, तो कुत्तों का आतंक देखने को मिलता है। इसी तरह गीता भवन रोड निवासी हुसन लाल व राकेश कुमार, विमला रानी, प्रीति रानी ने कहा कि शाम के समय बच्चों को ट्यूशन से वापस लाने के लिए बहुत ही दिक्कत का सामना पड़ता है। अकेले बच्चे घर से नहीं निकल सकते। उधर इस बारे में नवांशहर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी रामप्रकाश ने कहा कि कुत्तों की नसबंदी के लिए नगर कौंसिल ने मुहिम चलाई थी। इस दौरान सैकड़ों कुत्तों की नसबंदी की गई है। शहर के लोगों को इनके आतंक से बचाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।