पराली जलाने के एक सप्ताह में 120 केस, कार्रवाई किसी पर भी नहीं

जिले में पराली जलाने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है और लगातार मामले बढ़ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Nov 2021 02:10 PM (IST) Updated:Thu, 18 Nov 2021 04:03 PM (IST)
पराली जलाने के एक सप्ताह में 120 केस, कार्रवाई किसी पर भी नहीं
पराली जलाने के एक सप्ताह में 120 केस, कार्रवाई किसी पर भी नहीं

जागरण संवाददाता नवांशहर: जिले में पराली जलाने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है और लगातार मामले बढ़ रहे हैं। जहां छह दिन पहले जिले में पराली जलाने के 227 केस थे, वहीं अब यह बढ़कर 347 हो गए हैं। कृषि विभाग का लोगों को जागरूक करने के बाद भी यह सिलसिला जारी है। पराली जलाने वाले किसानों को न तो सरकार के निर्देशों की परवाह है और न ही किसी अन्य की। प्रशासन भी पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। यही कारण है कि लगातार पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं । इस बार के अब तक के आंकड़ों पर गौर करें, तो जिले में पराली जलाने के 347 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 70 फीसद मामले नवांशहर के हैं। जिले के अन्य हिस्सों में बेहद कम लोगों ने पराली को आग लगाई है। पुलिस अभी तक एक भी केस आग लगाने वालों के खिलाफ दर्ज नही कर पाई है। 347 केस में कृषि विभाग ने 73 लोगों के चालान किए हैं और 12 लोगों के चालान करने के लिए पटवारियों से रिपोर्ट मांगी गई है। उधर आम दिनों में प्रदूषण का स्तर 70 एक्यूआइ रहता है, जो नवांशहर में अब 300 के पार पहुंच चुका है। पुलिस प्रशासन किसानों को पराली को आग लगाने से रोकने के लिए असफल साबित हो रहा है। पिछले साल जिले में पराली जलाने की 340 घटनाएं सामने आई थी। इस बार आंकड़ा ज्यादा हो चुका है । कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के कारण यह कम आंकड़ा भी बेहद खतरनाक है। इसके अलावा सांस की तकलीफ वाले मरीजों को कोरोना के टेस्ट करना भी लाजिमी हो गया है। उल्लेखनीय है कि एक टन पराली पराली जलाने से 1513 किलोग्राम कार्बन डाइआक्साइड, 92 किलो कार्बन मोनोआक्साइड, 3.83 किलो नाइट्रस आक्साइड, 0.4 किलो सल्फर डाइआक्साइड और 2.7 किलोग्राम मीथेन हवा में घुलती है। इस कारण सांस लेने में तकलीफ शुरू हो जाती है। इतने चालान का है प्रावधान कृषि विभाग ने पराली जलाने वाले लोगों के 2500 से 15 हजार रुपये तक के चालान किए हैं। जीरो से

लेकर दो एकड़ तक की जमीन वाले को 2500 रुपये , पांच एकड़ तक पांच हजार व इससे ज्यादा के जमीन मालिक को 15 हजार रुपये जुर्माना किया जाता है। वहीं जिन लोगों ने पराली को आग लगाई है, उनकी जमीन की फर्द पर रेड एंट्री करने की भी कृषि विभाग की ओर से तैयारी की जा रही है। टीमें गठित कर किसानों को किया जा रहा जागरूक मुख्य कृषि अधिकारी डा.राजकुमार का कहना है कि कृषि विभाग पराली को न जलाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसके लिए पिछले कई माह से किसानों को घर-घर जाकर जागरूक भी किया जा रहा है । पराली न जलाने वाले किसानों को सम्मानित भी किया जा चुका है। विभाग ने कई टीमों का गठन किया गया है, जो कि किसानों को गांव गांव जाकर जागरूक कर रही हैं। यही कारण है कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष पराली को आग लगाने की घटनाएं काफी कम हुई है। पराली को आग लगाने वाले किसानों पर मौके पर कारवाई की जाती है। पिछले एक सप्ताह में पराली जलाने की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है।

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