सरकार व कर्मचारियों की खींचतान में पिस रहे आम लोग

प्रदेश में विभिन्न विभागों द्वारा अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हड़ताल करने से आम लोगों के लिए परेशानी खड़ी हो जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 10:22 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 10:22 PM (IST)
सरकार व कर्मचारियों की खींचतान में पिस रहे आम लोग
सरकार व कर्मचारियों की खींचतान में पिस रहे आम लोग

सुशील पांडे,नवांशहर: प्रदेश में विभिन्न विभागों द्वारा अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हड़ताल करने से आम लोगों के लिए परेशानी खड़ी हो जाती है। हड़तालों के कारण आम लोगों को होने वाली इन परेशानियों पर न तो संबंधित विभाग का ध्यान जाता है न ही प्रदेश सरकार का। जिसके कारण सरकार व कर्मचारियों की इस खींचतान के बीच आम लोग पिस कर रह जाते है। गौर हो कि कुछ समय पहले ही नगर कौंसिल के सफाई कर्मचारियों की ओर हुई हड़ताल के कारण शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लग गए थे। गंदगी व बदबू के कारण लोगों का घरों से निकलना तक मुश्किल हो गया था। बाद में सरकार की ओर से कर्मचारियों की मांगों को मानने के बाद विभाग के कामकाज को शुरू किया जा सका था। वर्तमान में कुछ ऐसा ही हाल डाक्टरों व पनबस कर्मियों की हड़ताल के कारण प्रदेश के लोगों का हो गया है। पनबस कर्मियों की हड़ताल के कारण बस स्टैंड को चार घंटे सुबह दस से दोपहर दो बजे तक बंद कर दिया जाता है। जिसके कारण यात्रियों को बस की यात्रा करने के लिए भटकना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी बाहर से आने वाले यात्रियों को हो रहा है। उन्हें पता ही नही चल रहा है कि गंतव्य तक जाने वाली बस उन्हें कहां से मिलेगी। वहीं चंडीगढ़ जाने वाली सवारियों को इन चार घंटों में भारी परेशानी उठानी पड़ती है। बस स्टैंड बंद होने के कारण जालंधर से चंडीगढ़ जाने वाली बसें बाहर बाइपास से निकल रही हैं। जिससे शहर के अंदर यात्री बसों का इंतजार करते ही रह जाते हैं। प्रदेश सरकार की ओर से बेशक महिलाओं को मुफ्त बस सर्विस की सुविधा दी गई है पर हड़ताल के कारण उनको इसका पूरा फायदा नही मिल रहा है।

बाक्स के लिए-

अस्पताल से रोजाना करीब 300 मरीज लौट रहे वापस

जिला अस्पताल के डाक्टरों की ओर से छठे पे कमिशन की सिफारिशों को लेकर हड़ताल की जा रही है। पिछले कई दिनों से हड़ताल चल रही है। मरीजों की परेशानियों को देखते हुए डाक्टरों की ओर से पेरलल ओपीडी चलाई जा रही थी। जिसमें मरीजों का इलाज कर डाक्टरों के खर्चे पर मरीजों को दवाईयां भी दी जा रही थी। हड़ताल से पहले जहां सिविल में रोजाना करीब 700 मरीज आते थे। वहीं हड़ताल के बाद यह संख्या करीब 300 तक सिमट कर रह गई। उसके बाद डाक्टरों ने संघर्ष को और तीखा करते हुए पैरलल ओपीडी भी बंद कर दी। इससे दूर दराज से आने वाले मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। सोमवार,मंगलावार व बुधवार को सिविल सर्जन कार्यालय को भी बंद कराया जा रहा है।

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पंजाब रोडवेज शहीद भगत सिंह नगर के सुपरवाइजर गुरनाम सिंह ने कहा कि चार घंटे की हड़ताल के दौरान अगर कोई बस स्टैंड में आ जाती है। तो उसे स्टैंड के बाहर निकलने नहीं दिया जाता है। वहीं जालंधर से चंडीगढ़ जा रही बस लेट होने पर ही बाइपास से गुजर जाती है। जिसके कारण बस स्टेंड पर इंतजार करते यात्रियों को कुछ पता भी नहीं चल पाता है। और वे बस का इंतजार करते रहते है।

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