मसूड़ों में सूजन हो तो जरूर कराएं जांच

लेफ्टिनेंट जनरल बिक्रम सिंह मेमोरियल अस्पताल में काले फंगस का एक संदिग्ध मरीज सामने आने पर एसएमओ डा. कुलविदर मान और दंत चिकित्सक डा. विनय ने सूझ-बूझ से परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजा जिसमें काले फंगस का मामला सामने आया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 03:05 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 03:05 PM (IST)
मसूड़ों में सूजन हो तो जरूर कराएं जांच
मसूड़ों में सूजन हो तो जरूर कराएं जांच

संवाद सहयोगी, बलाचौर : लेफ्टिनेंट जनरल बिक्रम सिंह मेमोरियल अस्पताल में काले फंगस का एक संदिग्ध मरीज सामने आने पर एसएमओ डा. कुलविदर मान और दंत चिकित्सक डा. विनय ने सूझ-बूझ से परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजा, जिसमें काले फंगस का मामला सामने आया।

एसएमओ डा. कुलविदर मान ने कहा कि गढ़शंकर क्षेत्र के एक व्यक्ति ने अप्रैल के अंत में कोरोना पाजिटिव आया था। लुधियाना के एक अस्पताल में इलाज के बाद कोरोना ठीक होकर घर लौट आया। बाद में उनके मुंह में दर्द होने लगा। नवांशहर के निजी अस्पताल में इलाज करवाने के बाद भी जब वह ठीक नहीं हुआ तो इलाज के लिए सरकारी अस्पताल बलाचौर आया। अस्पताल में तैनात ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने कहा कि मरीज के ऊपरी तालू और मसूड़े सूज गए थे और उनके दांत हिल रहे थे। इसके अलावा, तालू के एक तरफ मांस सड गया था और दांतों की जड़ें दिखाई दे रही थीं। शक के आधार पर उन्होंने मरीज का सैंपल लेकर डीप बोन बायोप्सी की और जांच के लिए लैब में भेज दिया और इलाज शुरू कर दिया। अगले दिन, रोगी को काले फंगस का पता चला और उसे पीजीआइ रेफर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अधिकांश रोगियों को पायरिया समझ कर इलाज में देरी कर देते हैं जो कि एक घोर लापरवाही होती है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को मसूड़ों में सूजन, दांत कांपना, मसूड़ों में झुनझुनी, मुंह और दांतों में दर्द आदि जैसे लक्षण हो और सामान्य इलाज के बाद भी ठीक न हो तो तुरंत विशेषज्ञ डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। डॉ. कुलविदर मान ने कहा की यह बीमारी मुंह के रास्ते शरीर में दाखिल होती है और कुछ समय बाद आंखों को प्रभावित करती है और तीसरे फेस में ब्लैक फंगस दिमाग पर असर करती है और ब्लैक फंगस छूत की बीमारी नहीं है।

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