केंद्र कारपोरेट घरानों के हाथों की बनी कठपुतली : राणा कर्ण

काठगढ़ कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहा संघर्ष पंजाब में पांच महीने पार कर गया है और दिल्ली बार्डर पर तीन महीने हो गए हैं। दुख की बात है कि केंद्र सरकार किसानों को अपना परिवार नहीं समझ रही है। वह एक ऐतिहासिक भूल कर रही है। केंद्र सरकार के तीन कानूनों को लेकर दिल्ली किसान जत्थेबंदियों की काल पर मंगलवार को सभी किसान पगड़ी संभाल जट्टा मुहिम के तहत संघर्ष में भागेदारी करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 11:07 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 11:07 PM (IST)
केंद्र कारपोरेट घरानों के हाथों की बनी कठपुतली : राणा कर्ण
केंद्र कारपोरेट घरानों के हाथों की बनी कठपुतली : राणा कर्ण

संवाद सहयोगी, काठगढ़

कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहा संघर्ष पंजाब में पांच महीने पार कर गया है और दिल्ली बार्डर पर तीन महीने हो गए हैं। दुख की बात है कि केंद्र सरकार किसानों को अपना परिवार नहीं समझ रही है। वह एक ऐतिहासिक भूल कर रही है। केंद्र सरकार के तीन कानूनों को लेकर दिल्ली किसान जत्थेबंदियों की काल पर मंगलवार को सभी किसान पगड़ी संभाल जट्टा मुहिम के तहत संघर्ष में भागेदारी करेंगे। इसी को लेकर गांव जलालपुर में किसान संयुक्त मोर्चा का सम्मेलन गांव के सरपंच जसपाल सिंह, सतवंत कौर, गुरचरण सिंह व राम लाल की अध्यक्षता में हुआ।

इस अवसर पर मुख्य तौर पर कुलहिद किसान यूनियन के जिला उपप्रधान राणा कर्ण सिंह ने भाग लिया। उनके साथ इफ्टू के पंजाब सचिव अवतार सिंह तारी ने भी शिरकत की। इस अवसर पर राणा कर्ण सिंह ने बताया कि शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह का पगड़ी संभाल मिशन 1906 में हुआ, वह देश के किसानों व सरकारों के लिए एक मिसाल पैदा कर गया है। अंग्रेजी सरकार भी तीन काले कानूनों को थोप रही थी। मगर, शहीद-ए-आजम भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह ने पगड़ी संभाल जट्टा लहर चलाकर नौ महीने बाद इसे रद करवाया था। वही बात अब केंद्र सरकार कारपोरेट घरानों के हाथों की कठपुतली बनकर लागू कर रही है। मगर, ऐसा हो नहीं पाएगा।

अवतार सिंह तारी ने कहा कि किसानों का आंदोलन अब जन आंदोलन बन चुका है। अब यह संघर्ष विजय की ओर बढ़ता जा रहा है। किसानों का हौसला बुलंद है। वह भी अब डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मजदूर और किसान अब पहली बार एक प्लेटफार्म पर हैं। अब सियासी ताकतें घबरा रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की महापंचायतों में किसान बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।

चौधरी सतनाम जलालपुर ने कहा कि केंद्र सरकार की सभी चालें फेल हो चुकी हैं। किसानों की बस एक ही मांग है कि कृषि सुधार कानून रद हो। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतों में रिकार्ड बढ़ोतरी से महंगाई चरमसीमा पर पहुंच गई है।

इस अवसर पर करनैल सिंह, राजिदर सिंह होहटिया, पूर्व सरपंच देसराज, पूर्व सरपंच भजन सिंह, सुच्चा सिंह, संतोष सिंह पनियाली, मोहन सिंह, सोहन सिंह, शम्मी जलालपुर, राम पाल सोबुआल, चरणजीत चन्नी, रघवीर सिंह, चौधरी श्रीराम, गुरदियाल सिंह पन्नू आदि उपस्थित थे।

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