मांगें पूरी न होने तक कोविड सेवाएं नही देंगे फार्मासिस्ट

ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के अधीन पिछले 15 वर्षो से काम कर रहे रूरल फार्मेसी अफसरों द्वारा सेहत विभाग में दी जा रही कोविड सेवाएं मई से रोक दीं गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 10:12 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 10:12 PM (IST)
मांगें पूरी न होने तक कोविड सेवाएं नही देंगे फार्मासिस्ट
मांगें पूरी न होने तक कोविड सेवाएं नही देंगे फार्मासिस्ट

जागरण संवाददाता,नवांशहर

ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के अधीन पिछले 15 वर्षो से काम कर रहे रूरल फार्मेसी अफसरों द्वारा सेहत विभाग में दी जा रही कोविड सेवाएं मई से रोक दीं गई थी। पिछले 10 दिनों से फार्मासिस्ट हड़ताल पर हैं। कोविड की सेवाओं को लेकर फार्मासिस्ट हड़ताल पर हैं। जिला प्रधान सुखदेव सिंह और प्रेस सचिव राहुल चोपड़ा ने बताया कि सरकार की तरफ से मांगों संबंधी कोई भी ध्यान नहीं दिया गया है। इसलिए मजबूर होकर जिला परिषद फार्मासिस्टों की तरफ से सेहत विभाग में दी जा रही कोरोना सेवाएं रोकनी पड़ रही हैं। उन्होंने बताया कि उनकी मुख्य मांगें जिला परिषद फार्मासिस्टों की सेवाएं पक्की की जाएं, जब तक सेवाएं पक्की नहीं होती तब तक नई भर्ती फार्मासिस्ट के बराबर वेतन दी जाए। कोविड ड्यूटी देने का मान भत्ता दिया जाए, जिस तरह सीएचओ और अन्य स्टाफ को मिल रहा है।

सरकार की नीतियों से तंग आकर ही फार्मेसी अफसरों की तरफ से यह फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि फार्मासिस्ट नाममात्र वेतन पर काम कर रहे हैं। अब कोरोना काल में सैंपलिग, आरआरटी, वैक्सीनेशन और दूर दराज बिना किसी खर्च किए और इंश्योरेस के कोविड सेवाएं दी जा रही हैं। इस दौरान कई साथी कोरोना पाजिटिव भी हुए और एक्सीडेंट के शिकार हुए हैं। पंजाब सरकार को रूरल फार्मेसी अफसरों की मांगों संबंधी जल्दी ही नोटीफिकेशन जारी करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि समूह फार्मासिस्ट रेगुलर होने के लिए अपनी शैक्षणिक योग्यता पूरी करते हैं। इनको रेगुलर करने के लिए सरकार को इस संकट काल को देखते हुए लोगों के हितों को मुख्य रखते हुए तुरंत पक्के करने का नोटिफिकेशन जारी करना चाहिए। इस मौके पर प्रवीण कुमार,रविश कुमार,जतिदर सिंह,गीता,हरमेश सतनाम सिंह आदि मौजूद रहे।

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