भक्तों को सुनासई मां अंबा के सती होने की कथा
बंगा मां शीतला देवी मंदिर प्रांगण में चल रही शिव कथा में प्रवचन करते हुए गंगोत्री से आए आचार्य गणेशानंद शास्त्री ने कहा कि शिव महापुराण कथा में भगवान शिव तथा मां अंबा के जीवन की घटना मनुष्य को ज्ञान करवाती है कि बिना बुलाए अपने प्रिय के घर जाना भी तिरस्कार का कारण बन सकता है।
संवाद सूत्र, बंगा: बंगा मां शीतला देवी मंदिर प्रांगण में चल रही शिव कथा में प्रवचन करते हुए गंगोत्री से आए आचार्य गणेशानंद शास्त्री ने कहा कि शिव महापुराण कथा में भगवान शिव तथा मां अंबा के जीवन की घटना मनुष्य को ज्ञान करवाती है कि बिना बुलाए अपने प्रिय के घर जाना भी तिरस्कार का कारण बन सकता है। इसलिए जीवन में संकल्प करें कि बिना बुलाए किसी के भी घर नहीं जाएं। भगवान शिव के गुणों तथा मां अम्बे का जीवन व्याख्यान करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान शिव ने मां अंबे को बिना बुलावे न जाने के लिए रोका। मगर पिता मोह में बंधी मां अंबे भविष्य की अनहोनी से अनजान थी। पिता राजा दक्ष के घर पर हुए तिरस्कार की सारी बातों को भजनों के माध्यम से संगत के सामने रखा तथा उन्होंने अनुरोध किया कि भगवान की इस कथा से सभी साधक संकल्प करें कि जीवन में निस्वार्थ भाव से भी बिन बुलाए किसी के आंगन में पांव नहीं रखेंगे। इस मौके पर भगवान शिव की सुंदर झांकी निकाली गई, जिससे सभी श्रोतागण मनमोहित हो उठे। इस मौके पर हिम्मत तेजपाल, जसविदर सिंह मान, मीनू सागर, अनीता खोसला, रतन भूषण कौशल, राजिद्र कौशल, कमल कौशल, ललित कौशल, रणदेव कौशल, अभिषेक कौशल, पिकी कौशल, आशा देवी, मल्का कौशल, सीमा देवी कौशल, रजनी कौशल, शैली कौशल, निशु कौशल, राजेश कौशल, सतीश कौशल, बाबा दविद्र कौड़ा, संजीव आनन्द, मानवी आनंद, रेनू कौशल, विनोद कुमार आनन्द, बिमलजीत आनंद, विजय कुमार, रवि भूषण, बृजभूषण, संजीव जैन मौजूद थे।