जम्हूरी अधिकार सभा का जेलों में बंद लोगों की रिहाई के लिए प्रदर्शन आज

जम्हूरी अधिकार सभा डेमोक्रेटिक लायर्स एसोसिएशन और कई जत्थेबंदियों ने बैठक की।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Jun 2021 03:35 PM (IST) Updated:Sun, 06 Jun 2021 06:09 PM (IST)
जम्हूरी अधिकार सभा का जेलों में बंद लोगों की रिहाई के लिए प्रदर्शन आज
जम्हूरी अधिकार सभा का जेलों में बंद लोगों की रिहाई के लिए प्रदर्शन आज

संवाद सूत्र, नवांशहर : जम्हूरी अधिकार सभा, डेमोक्रेटिक लायर्स एसोसिएशन और कई जत्थेबंदियों की तरफ से आठ जून की सुबह साढ़े दस बजे जेलों में बंद लोगों नेताओं की रिहाई के लिए नवांशहर में प्रदर्शन किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए सभा के जिला सचिव जसबीर दीप ने बताया की जून 2018 के दिन महाराष्ट्र पुलिस की तरफ से बुद्धिजीवियों और लोकतांत्रिक हकों के नेताओं को कथित भीमा-कोरेगाओं साजिश केस में गिरफ्तार करने का सिलसिला शुरू किया गया था। इस केस में प्रोफेसर शोमा सेन, एडवोकेट सुरिदर गैडलिग, रोना विल्सन, सुधीर ढावले, महेश रावत, प्रोफेसर बरावरा राव, प्रो. बरनौन गोजालविज, अरुण झंडा, गौतम नवलखा, एडवोकेट सुधा भारद्वाज, स्टेन स्वामी, प्रो. हनी बाबू, रमेश गैचर, सागर गोरखे, ज्योति जागतप को बेबुनियाद और पूरी तरह झूठे केस में जेलों में है। प्रो. जीएन साईबाबा, हेम मिश्रा, प्रशांत राही आदि बुद्धिजीवी पहले ही इसी तरह के झूठे केस में कैद हैं। उम्र खालिद और नताशा नरवाल को दिल्ली हिसा के कथित साजिश कर्ता करार देकर जेल में बंद किया हुआ है। इन सभी सामाजिक न्याय और लोक हकों के लिए आवाज उठाने वाले नेता हैं और इन झूठे मामलों का एक मात्र मकसद इन बुद्धिजीवियों की जुबान बदं करना और कई इंसाफपसंद लोकतांत्रिक ताकतों को दहशतजदा करके चुप करवाना है। उन्होंने कहा कि सभी इंसाफ पसंद लोगों को चाहिए कि वह इस फासीवादी जुबान बंदी के विरुद्ध आवाज बुलंद करें और बुद्धिजीवियों की रिहाई के लिए आगे आने। इस मौके पर सभा के प्रेस सचिव बूटा सिंह और जिला प्रधान गुरनेक सिंह चूहड़पुर भी मौजूद थे।

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