लंबी आयु व पापों का नाश करने वाला होता है निर्जला एकादशी व्रत

कोरोना साल में भले ही क्षेत्र के धार्मिक स्थल बंद पड़े हैं परन्तु हर साल जिले में निर्जला एकादशी के व्रत को बड़ी श्रद्धा व उत्साह के साथ माया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 10:57 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 06:15 AM (IST)
लंबी आयु व पापों का नाश करने वाला होता है निर्जला एकादशी व्रत
लंबी आयु व पापों का नाश करने वाला होता है निर्जला एकादशी व्रत

जयदेव गोगा, नवांशहर : कोरोना साल में भले ही क्षेत्र के धार्मिक स्थल बंद पड़े हैं, परन्तु हर साल जिले में निर्जला एकादशी के व्रत को बड़ी श्रद्धा व उत्साह के साथ माया जाता है। यह व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है। एकादशी के दिन श्रद्धालु अपने मन, वचन और कर्म की शुद्धता को कायम रखते हुए इस व्रत का पालन करते हैं। माना जाता है कि यह व्रत भगवान विष्णु की उपासना हित रखा जाता है। इस दिन सूर्यास्त से लेकर दूसरे सूर्यास्त तक जल का त्याग कर इस व्रत को संपूर्ण किया जाता है।

निर्जला एकादशी में हालांकि जल पीना मना है, लेकिन विद्वानों के मुताबिक कुल्ला या आचमन करने के लिए मुख में जल डाल सकते हैं। वैज्ञानिक सोच रखने वाले आचार्यों का मत है कि निर्जला एकादशी का व्रत प्रतीक रूप में पानी को बचाने का भी संदेश देता है। हमें हर हाल में पानी की कीमत को पहचानना चाहिए।

संस्कृत के विद्वान सुरेश शास्त्री ने बताया कि महाभारत की एक प्रचलित कथा के मुताबिक भीम ने एकादशी व्रत के बारे में वेदव्यास से कहा था कि मैं एक दिन तो क्या, एक समय भी खाने के बिन नहीं रह सकता हूं। तब वेदव्यास ने ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी के बारे में बताया। उन्होंने भीम से कहा कि तुम इस का व्रत करो। यह व्रत काफी कठिन है, जिसे निर्जल रहकर रखा जाता है। माना जाता है कि इस एक एकादशी का व्रत रखने से सभी एकादशी व्रतों के बराबर पुण्य की प्राप्ति हो जाती है।

ओम नमो भगवते वासुदेवाय..का जाप करें : पंडित विक्रम

पंडित विक्रम का मानना है कि इस दिन भगवान के समक्ष मिठाई, फल व तुलसी के पत्ते रखकर और ओम नमो भगवते वासुदेवाय.. का उच्चारण कर गरीब व जरूरतमंद को दान, पुण्य करना चाहिए। कोरोना काल में इसका बड़ा महत्व है। यह व्रत लंबी आयु देने वाला व पापों का नाश करने वाला है। इस दिन पंखा व जल से भरे कलश का जरूरतमंदों को दान करने का भी प्रावधान है। गर्मी के मौसम में अपने घर के आगे पक्षियों व जानवरों के लिए पानी रखें। इस दिन पेड़ों से फल, पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए व तंबाकू, शराब, व गुटखा आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

भगवान विष्णु की करें पूजा : पंडित राम कुमार

पंडित राम कुमार का कहना है कि इस दिन श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु को यह व्रत सबसे ज्यादा प्रिय है। मेरा मानना है कि इस कोरोना काल में इस दिन गरीबों व जरूरतमंद को कपड़े, छाता, जूता, मटका, पंखा, शरबत पानी व चीनी आदि का दान करें। वैसे भगवान विष्णु की पूजा के उपरांत इन चीजों को किसी ब्राह्मण को भी दान देने का उल्लेख है।

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