पुरुष नसबंदी को लेकर लोगों का भ्रम किया दूर
सिविल सर्जन डा. इंद्रमोहन गुप्ता की अगुवाई में सेहत विभाग द्वारा नसबंदी-नलबंदी पखवाड़े के अंतर्गत जिले में जन जागरूकता मुहिम शुरू की हुई है। इसका मुख्य उद्देश्य नसबंदी के बारे में समाज खास कर योग्य जोड़ों में चेतना लाना और पुरुषों की तरफ से पुरुष नसबंदी को स्वीकार करने के लिए प्रेरित करना है।
जागरण संवाददाता, नवांशहर : सिविल सर्जन डा. इंद्रमोहन गुप्ता की अगुवाई में सेहत विभाग द्वारा नसबंदी-नलबंदी पखवाड़े के अंतर्गत जिले में जन जागरूकता मुहिम शुरू की हुई है। इसका मुख्य उद्देश्य नसबंदी के बारे में समाज खास कर योग्य जोड़ों में चेतना लाना और पुरुषों की तरफ से पुरुष नसबंदी को स्वीकार करने के लिए प्रेरित करना है। यह नसबंदी पखवाड़ा मुहिम विषय-पुरुषों ने परिवार नियोजन अपनाया, सुखी परिवार का आधार बनाया के साथ चलाई जा रही है।
जिला परिवार भलाई अफसर डा. राकेश चंद्र ने बताया कि इस पखवाड़े के अंतर्गत 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक नसबंदी आपरेशन किए जाएंगे। यह एक मामूली आपरेशन है, जिस दौरान कोई चीर फाड़ नहीं की जाती और न ही कोई टांका लगाया जाता है। आपरेशन से एक घंटे बाद आदमी घर जा सकता है और 72 घंटे बाद व्यक्ति अपना रोजमर्रा का कामकाज आम दिनों की तरह कर सकता है। नसबंदी आपरेशन के बाद किसी भी किस्म की शारीरिक कमजोरी नहीं आती, यह सिर्फ वहम -भ्रम हैं। यह औरत के नलबंदी आपरेशन के मुकाबले हर पक्ष से अपनाना आसान है। आपरेशन करवाने वाले व्यक्ति की उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए। व्यक्ति शादीशुदा होना चाहिए और एक बच्चा होना जरूरी है।
डा. चंद्र ने कहा कि पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में फैली गलत धारणाओं को दूर करने की जरूरत है, इसलिए छोटा परिवार सुखी परिवार की धारणा को साकार करने के लिए पुरुषों को आगे बढ़ कर जिम्मेदारी उठानी चाहिए। उन्होंने समूह सेहत कर्मचारियों को हिदायत की कि योग्य जोड़ों को ग्रुप मीटिगों के द्वारा छोटा परिवार सुखी परिवार की महत्ता के बारे में जागरूक करवाया जाए और परिवार भलाई के कच्चे और पक्के साधनों को अपनाने संबंधी प्रेरित किया जाए। उनको चीरा रहित नसबंदी करवाने के लिए मर्दों की भागीदारी यकीनी बनाने के लिए प्रेरणा भी दी जाए।
उन्होंने बताया कि नसबंदी आपरेशन करवाने वाले व्यक्ति को 1100 रुपये वित्तीय सहायता और आपरेशन के लिए प्रेरित करने वाले व्यक्ति को 200 रुपये वित्तीय सहायता दी जाती है। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बड़ा अहम रोल अदा कर सकती है।