36000 कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने का बयानों वादों तक ही सीमित

काग्रेस में सत्ता की उथल पुथल के बाद पंजाब की चन्नी सरकार हर एक वर्ग को खुश करने के लिए बड़े-बड़े एलान कर रही है परंतु किए जा रहे एलान की वास्तविकता कुछ और ही लग रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 02:06 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 02:06 PM (IST)
36000 कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने का बयानों वादों तक ही सीमित
36000 कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने का बयानों वादों तक ही सीमित

जागरण संवाददाता, नवाशहर: काग्रेस में सत्ता की उथल पुथल के बाद पंजाब की चन्नी सरकार हर एक वर्ग को खुश करने के लिए बड़े-बड़े एलान कर रही है, परंतु किए जा रहे एलान की वास्तविकता कुछ और ही लग रही है। पंजाब के कच्चे मुलाजिमों को रेगुलर करने के काग्रेस ने 2017 मतदान के दौरान वादा किया था, परंतु साढ़े चार साल तक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बातों में ही समय गुजार दिया। उसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री बनने पर 36000 हजार कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने का एलान कर दिया और 11 नवंबर को विधानसभा में बिल पास किया। अब बिल के पास होने के 10 दिन बीतने के बावजूद भी एक्ट नोटीफाई कर विभागों को नहीं भेजा गया, जिससे काग्रेस सरकार की नीयत साफ नजर आ रही है। सर्व शिक्षा अभियान व मिड डे मील दफ्तरी कर्मचारी यूनियन शहीद भगत सिंह नगर के नेता नरिंदर कौर ने कहा कि समय-समय की सरकारों ने शिक्षा विभाग में काम करते अध्यापकों को तो समय-समय पर रेगुलर किया, परंतु 2004 से भर्ती दफ्तरी मुलाजिमों को आज तक अनदेखा की रखा और 16 दिसंबर 2019 को वित्त विभाग की तरफ से मंज़ूरी मिलने के बावजूद अब तक दफ्तरी मुलाजिमों को रेगुलर नहीं किया गया और अब विधान सभा में बिल के पास करने के बावजूद नोटीफाई करके विभागों को नहीं भेजा जा रहा और विभागों को कोई हिदायतें नहीं जारी की जा रही। मुलाजिमों को रेगुलर न करने और शिक्षा विभाग की तरफ से नए विभागीय मसला, जिनमें मुलाजिमों की 5000 रुपये प्रति महीना वेतन कटौती के रोष के तौर पर 23 नवंबर को सामुहिक छुट्टी लेकर शिक्षा भवन मोहाली के बाहर पक्का धरना लगाएंगे और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की रिहायश चंडीगढ़ की तरफ मार्च करेंगे।

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