किसानों का चक्का जाम आज

विभिन्न जत्थेबंदियों ने आज भारत बंद को सफल बनाने के लिए पूरी शामूलियत करने का एलान किया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 05:43 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 05:43 AM (IST)
किसानों का चक्का जाम आज
किसानों का चक्का जाम आज

जागरण संवाददाता, नवांशहर: विभिन्न जत्थेबंदियों ने आज भारत बंद को सफल बनाने के लिए पूरी शामूलियत करने का एलान किया है। धरने के स्थान पर हुई मीटिग में एक दर्जन से भी अधिक जत्थेबंदियों के 50 के करीब नेताओं ने शिरकत की। इसमें किरती किसान यूनियन, ग्रामीण म•ादूर यूनियन, आटो वर्कर्स यूनियन, मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन, आशा वर्कर्स यूनियन, डीटीएफ, भट्ठा वर्कर्स यूनियन, स्त्री जागृति मंच, स्त्री विग मजदूर किसान यूनियन, पंजाब स्टूडैंट्स यूनियन, निर्माण मिस्त्री मजदूर यूनियन, डेमोक्रेटिक मुलाजिम फ्रंट और लोकतांत्रिक अधिकार सभा के नुमाइंदे शामिल हुए। मीटिग को संबोधित करते हुए किरती किसान यूनियन के प्रदेश वित्त सचिव हरमेश सिंह ढेसी और प्रदेश समिति मैंबर भूपिदर सिंह वड़ैच ने कहा कि 27 सितंबर को सुबह छह बजे से लेकर शाम 4 बजे तक लंगड़ोआ बाइपास और जिला स्तरीय जाम लगाया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं की तरफ से संबोधित करने के अलावा ढाडी वारें, कोरियोग्राफी और इंकलाबी गीत भी पेश किए जाएंगे। इस धरने को सोनिया मान भी संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के तीन खेती कानूनों के विरुद्ध किसानों के साथ-साथ दूसरे वर्गों में भी गुस्सा है। इस बंद को सफल बनाने के लिए उक्त जत्थेबंदियां दिन-रात एक कर रही हैं। ट्रक यूनियन नवांशहर, टैक्सी यूनियन, व्यापार मंडल, आढ़ती एसोसिएशन ने इस बंद का समर्थन करते हुए बड़ी संख्या में लंगड़ोआ बाईपास पर पहुंचने का वादा किया है। लंगड़ोआ और बरनाला कलां निवासियों की तरफ से चाय और लंगर लगाया जाएगा। वहीं

मेडिकल प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन पंजाब जिला शहीद भगत सिंह नगर ने 27 सितंबर को भारत बंद के आह्वान पर लंगड़ोआ बाइपास पर लगाए जा रहे जाम और की जा रही रैली में शमूलियत करने का फैसला किया है। यह फैसला संयुक्त किसान मोर्चा जिला शहीद भगत सिंह नगर के नेताओं भूपिदर सिंह वड़ैच और जसबीर दीप के साथ हुई मीटिग में किया गया। जत्थेबंदी के प्रदेश कमेटी चेयरमैन दिलदार सिंह चाहल और जिला प्रधान कश्मीर सिंह ढिल्लों ने बताया कि इस फैसले संबंधी सभी ब्लाक इकाइयों को सूचित कर दिया गया है। यह संघर्ष अकेले किसानों का न होकर लोगों का आंदोलन बन चुका है, जिसके आगे केंद्र सरकार को झुकना ही पड़ेगा।

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