पुराना होने लगा नवांशहर, जगह- जगह लगे कचरे के ढेर
नगर कौंसिल के सफाई सेवकों की जारी हड़ताल को बुधवार को 43 दिन हो गए हैं।
जागरण संवाददाता ,नवांशहर: नगर कौंसिल के सफाई सेवकों की जारी हड़ताल को बुधवार को 43 दिन हो गए हैं। इन दिनों शहर में कहीं भी सफाई नहीं हो पाई है। रोजाना शहर में से पांच टन कूड़ा शहर से निकलता है। अब अगर आंकड़ों पर गौर करें, तो अब तक 200 टन से भी ज्यादा कूड़ा शहर के घरों से निकला है और यह शहर की सड़कों पर ही फैला हुआ है। सफाई न होने से हालात ऐसे हो चुके हैं कि लोगों का रास्तों से गुजरना तक मुश्किल हो चुका है। कूड़े की बदबू के कारण लोगों ने बाजारों में आना तक छोड़ दिया है। कूड़े का सीधा प्रभाव व्यापार पर भी पड़ रहा है। दुकानदारों का कहना है कि एक तो कोरोना के कारण वैसे ही दुकानों का समय सात बजे तक होने से व्यापार पर फर्क पड़ रहा है , ऊपर से बाजारों में कूड़े के ढेर लगे होने से ग्राहक दुकानों में नही आ रहा है। सबसे ज्यादा नुकसान उन दुकानदारों को हो रहा है, जिनकी दुकानों के पास ही कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को हड़तालियों की मांगों को मानकर लोगों को इस समस्या से निजात दिलवाना चाहिए। बाजार जाने के लिए रास्ते भी बंद शहर में हालात यह हो चुके हैं कि कई मार्केट के मुख्य रास्तों पर ही कूड़े के ढेर लग चुके हैं। लोग ढेरों पर ही कूड़े को फेंक रहे हैं। इससे बाजारों को जाने वाले रास्ते बंद हो चुके हैं। जिन बाजारों में कार चली जाती थी, वहां पर सिर्फ दोपहिया वाहनों से जाने के लिए ही रास्ता बचा हुआ है। इससे दुकानदार व राहगीर दोनों परेशान हैं। नही हो रही है सुनवाई शहर के कई दुकानदारों की एसोसिएशन कई बार जिला प्रशासन को कूड़े की सफाई के लिए मांग पत्र तक सौंप चुकी हैं, पर इसके बावजूद समस्या का कोई हल नही हो रहा है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस समस्या का जल्द हल करवाना चाहिए। गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ा तापमान बढ़ने से गंभीर बीमारियों के कूड़े से पैदा होने का खतरा भी बढ़ गया है। गंदगी से फैलने वाली बीमारिया कभी भी किसी महामारी का रूप ले सकती हैं। डाक्टर गुरपाल कटारिया का कहना है कि इस भयंकर गर्मी में गंदगी के कारण अन्य कई बीमारियों के फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रशासन को इस समस्या का जल्द समाधान करना चाहिए।