स्कूल प्रमुखों को डिप्टी डीईओ ने एनएसए प्रोग्राम को लेकर दी जानकारी
पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा सुधार नीति के तहत शुरू किए गए एनएसए प्रोग्राम में प्राइवेट स्कूलों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए बंगा के एसआरसी जैन माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संवाद सूत्र, बंगा : पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा सुधार नीति के तहत शुरू किए गए एनएसए प्रोग्राम में प्राइवेट स्कूलों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए बंगा के एसआरसी जैन माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन एडवोकेट जेडी जैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। स्कूल प्रिसिपल मंजू मोहन व डिप्टी डीईओ नवांशहर अमरीक सिंह ने स्कूल प्रमुखों को जानकारी देते बताया के एनएसए स्कीम के तहत पंजाब सरकार शिक्षा विभाग में नई ऊर्जा का संचार करेगी। इसके तहत बच्चों के साथ-साथ अध्यापकों की भी परीक्षा होगी। जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता सामने आएगी। इसके अलावा उन्होंने एनएचएएस प्रोग्राम के सबंध में विभिन्न जानकारियां स्कूल अध्यापकों, प्रिसिपल तथा स्कूल से जुड़े कर्मचारियों को उपलब्ध करवाई। इस मौके पर खालसा स्कूल बंगा, स्कालर पब्लिक स्कूल, सेंट्रल पब्लिक स्कूल, भगवान महावीर पब्लिक स्कूल, माडर्न पब्लिक स्कूल, सतलुज पब्लिक स्कूल, सेंट सोल्जर पब्लिक स्कूल, सिख नेशनल कालेजिएट स्कूल के अलावा बंगा ब्लाक के स्कूल प्रमुखों ने हिस्सा लिया। सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिसिपल मंजू मोहन ने सभी आए हुए स्कूल प्रमुखों तथा डिप्टी डीईओ अमरीक सिंह का आभार जताया। बच्चों ने लिया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प
संवाद सूत्र, बंगा : देशभगत काबल सिंह गोबिदपुरी सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल गोबिदपुर में पढ़ने वाले बच्चों ने सोमवार को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। इस मौके पर प्रिसिपल डा. सुरिन्द्र पाल अग्निहोत्री ने बच्चों को पर्यावरण रक्षा के लिए पेड़ पौधे लगाने तथा उनकी संभाल करने के लिए प्रेरित किया। स्कूल के बच्चों ने पेड़ों को सूखने से बचाने के लिए अपने हिस्से के पेड़ों का नामकरण भी किया। साइंस मास्टर नवनीत कौर ने बताया कि जितने ज्यादा पेड़ तथा हरियाली होगी, उतना ही पर्यावरण साफ सुथरा रहेगा। इसके साथ ही धान की कटाई के बाद खेतों में पड़ी पराली को न जलाने के लिए बच्चों के माध्यम से प्रचार की मुहिम भी शुरू की गई। स्कूल के बच्चों ने वादा किया कि वह गांव के किसानों को धान की पराली न जलाने तथा उसको खेतों में ही पराली की बिजाई करने के फायदे बताएंगे, जोकि उनके अध्यापकों द्वारा उन्हें बताए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को बताएंगे कि धान की पराली खेतों में ही बिजाई से एक तो उपजाऊ शक्ति बढ़ेगी तथा पर्यावरण की सुरक्षा भी हो पाएगी।