किसान और आढ़ती तैयार, पर धान का नहीं कोई खरीदार
प्रदेश सरकार की ओर से लिए गए फैसले के कारण किसान दुविधा में फंसे हुए हैं।
सतीश शर्मा, काठगढ़: प्रदेश सरकार की ओर से लिए गए फैसले के कारण किसान दुविधा में फंसे हुए हैं। सरकार ने पहले धान की खरीद का काम एक अक्टूबर से करने की बात कही थी, पर अब इसे केंद्रीय निर्देशों के बाद 11 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है। वीरवार देर रात आए इन निर्देशों के बाद किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। शुक्रवार को किसान काठगढ़ की मंडियों में फसल को लेकर पहुंच गए, पर सरकारी खरीद एजेंसियों ने फसल की खरीद करने से मना कर दिया। किसान काठगढ़ की मंडी में एक हजार टन धान लेकर पहुंचे थे। जब किसानों को खरीद न होने के बारे में पता चला, तो उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा। जब जागरण टीम ने मंडी का दौरा किया, तो अनाज मंडी में सफाई का काम चल रहा था। मंडी साफ करने के लिए वह घास बूटी काट रहे थे। मंडी में सरकार का कोई भी अधिकारी व कर्मचारी मौजूद नहीं था। मार्केट कमेटी के मंडी सुपरवाइजर भी वहां पर नहीं थे। वहां पर बैठे किसान हरभजन सिंह व निरंजन सिंह कमालपुर ने बताया कि वह धान लेकर आए थे, पर उन्हें यहां बाकर पता चला कि खरीद की तारीख को 11 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है।
सरकारी खरीद की तारीख को आगे बढ़ाने के फैसले से न तो आढ़ती ही खुश हैं व न किसान । इस फैसले के कारण किसानों की परेशानी बढ़ जाएगी। जो किसान शुक्रवार को अनाज मंडी में अपनी फसल लेकर आए थे, उन्होंने अपनी फसलों के ढेर मंडी में ही लगा दिए हैं। अब किसान को या उनके किसी परिवार के सदस्य को फसल की देखभाल करने के लिए 11 अक्टूबर तक मंडी में ही दिन रात रहना पड़ेगा। यही नहीं आने वाले कुछ दिनों में बारिश के आसार हैं। बारिश के कारण अगर उनकी फसल भीगकर खराब हो जाती है, तो सरकार उनकी फसल को नही खरीदेगी। यह भी उनको चिंता सता रही है। सरकार फैसले पर करे पुनर्विचार आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान सुभाष आनंद ने बताया कि सरकारी खरीद 11 अक्टूबर से होने पर मंडियों में धान के आने अंबार लग जाएंगे। सरकार को दोबारा इस पर फैसला कर इसमें बदलाव करना चाहिए। सरकार के निर्देशों का करेंगे पालन वहीं इस बारे में मंडी सुपरवाइजर रामपाल ने बताया कि उन्हें भी वीरवार देर रात पता चला कि धान की खरीद की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है। हम तो सरकार के निर्देशों के मुताबिक ही काम कर सकते हैं। अब 11 अक्टूबर से ही धान की खरीद की जाएगी।