किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रही है मटर की अगेती खेती
पंजाब में मटर की अगेती काश्त लाभदायक साबित हो रही है। मटर की अगेती खेती काश्त मुख्य तौर पर जिला होशियारपुर शहीद भगत सिंह नगर और अमृतसर में करीब 21000 हेक्टेयर में की जाती है।
जागरण संवाददाता, नवांशहर :
पंजाब में मटर की अगेती काश्त लाभदायक साबित हो रही है। मटर की अगेती खेती काश्त मुख्य तौर पर जिला होशियारपुर, शहीद भगत सिंह नगर और अमृतसर में करीब 21000 हेक्टेयर में की जाती है। इस संबंध में मंगलवार को कृषि विभाग की नोडल टीम की तरफ से शहीद भगत सिंह नगर के अग्रिम मटरों की काश्त वाले गांवों मीरपुर जट्टों, उटालां, जाडला, बीरोवाल, मेहंदपुर, उलद्दनी, शाहपुर पट्टी, मजारा कलां आदि का दौरा किया। इस टीम में डिप्टी डायरेक्टर बागबानी मोहाली -कम -नोडल अफसर मटर (पंजाब) दिनेश कुमार, सहायक डायरेक्टर बागबानी शहीद भगत सिंह नगर -कम -सहायक नोडल अफसर मटर (पंजाब) जगदीश सिंह और बागबानी विकास अ़फसर नवांशहर राजेश कुमार शामिल थे।
डिप्टी डायरेक्टर बागबानी दिनेश कुमार ने इस मौके बताया कि कि इस साल बिजाई के समय बारिश होने के कारण मटर की ़फसल का नुक्सान होने के बावजूद 3430 हेक्टेयर क्षेत्रफल अगेती मटर की काश्त अधीन है। आजकल बहुत अग्रिम फसल की तुड़ाई शुरू हो चुकी है, परंतु पूरी तुड़ाई 15 -20 नवंबर में तेजी आने की आशा है।
फली में कम से कम छह दाने और मिठास होना जरूरी
सहायक डायरेक्टर बागबानी जगदीश सिंह ने बताया कि जब फली में तीन-चार दाने होते हैं, तो इसकी उपज कम होने के कारण रेट भी कम मिलता है, क्योंकि इसमें अपेक्षित मिठास नहीं होती। इसलिए किसान आगे से बिजाई कुछ देर से करें, क्योंकि मटरों की फली में कम से-कम छह दाने होने के साथ अपेक्षित मिठास हो जाती है और उपज भी अधिक होने साथ मंडी में भाव अच्छा मिलता है।
एनपीके का दो से तीन बार करवाए छिड़काव
बागबानी विकास अफसर राजेश कुमार ने बताया कि मटर की फसल को फासफोरस खादों की जरूरत ज्यादा होती है। इसको अधिक यूरिया डालने के साथ अग्रिम उपज नहीं मिलती। फली शुरू होने पर से एनपीके (1919) एक किलो प्रति एकड़ के हिसाब के साथ समय पर दो -दो स्प्रे करवाई जाएं।