मृत शरीर डाक्टरी शिक्षा के लिए बहुत उपयोगी : डा. जितेंद्र

मृत शरी डाक्टरी शिक्षा के लिए बहुत जरूरी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 05:00 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 10:02 PM (IST)
मृत शरीर डाक्टरी शिक्षा के लिए बहुत उपयोगी : डा. जितेंद्र
मृत शरीर डाक्टरी शिक्षा के लिए बहुत उपयोगी : डा. जितेंद्र

जागरण संवाददाता, नवांशहर :

मरणोपरांत शरीर दान करने का प्रण करने वाले तहसील बलाचौर के गांव करीमपुर ध्यानी निवासी ओपिंदर सिंह डा. जितेंद्र सिह, जिला परिवार भलाई अफसर शहीद भगत सिंह नगर ने आइ कार्ड सौंपा। इस मौके पर डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मृत्यु के उपरांत शरीर को अग्नि भेंट करने की बजाय यदि गवर्नमेंट मेडिकल कालेज को दान कर दिया जाए तो यह डाक्टरी की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा। डा. जितेंद्र सिंह ने शरीरदान करने वालों एवं इस कार्य में सहयोग देने वाले दोआबा सेवा समिति के सदस्यों का इस राष्ट्र सेवा में सहयोग के लिए धन्यवाद किया।

इस मौके पर दोआबा सेवा समिति के जनरल सेक्रेटरी रतन कुमार जैन एवं उप प्रधान यशपाल सिंह हाफिजाबादी ने बताया कि जो लोग अपनी इच्छा से मरणोपरांत शरीरदान करना चाहते हैं, उनके फार्म भरकर गवर्नमेंट मेडिकल कालेज अमृतसर को भेज दिए जाते हैं। वहां से उनके आई कार्ड बन कर आते हैं। उन्होंने बताया कि 106वें में शरीरदानी को आई कार्ड दिया गया है। उन्होंने शरीरदान करके समाज सेवा में सहयोग देने वालों का धन्यवाद किया। इस मौके पर शरीरदानी ओपिदर सिंह ने कहा कि यदि मरणोपरांत उनके शरीर से कोई विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करके डॉक्टर बनता है और अन्य जिंदगियों को बचाता है तो उनका जन्म और मरण दोनों ही सफल हैं एवं समाज सेवा में अपना योगदान देने के लिए यह फार्म भरा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने यह शरीर दान करने का फार्म अपनी बहन परमजीत कौर एवं भाई हरजीत सिंह की सहमति से भरा है। इस मौके पर दोआबा सेवा समिति के उप प्रधान यशपाल सिंह हाफिजाबादी, जनरल सेक्रेटरी रतन कुमार जैन एवं मास्टर हुसन लाल भी उपस्थित थे।

chat bot
आपका साथी