एनजीओ उम्मीद के प्रयासों से नेहा को मिली नई जिंदगी, सैशन जज व सीजेएम की कोशिशें काम आई
जागरण संवाददाता नवांशहर जिला और सैशन जज -कम -चेयरमैन जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी शह
जागरण संवाददाता, नवांशहर:
जिला और सैशन जज -कम -चेयरमैन जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी शहीद भगत सिंह नगर कंवलजीत सिंह बाजवा और एनजीओ उम्मीद के प्रयासों से गिद्दड़बाहा निवासी 12 साल की नेहा को नई •िादगी मिली है। इस संबंध मेंजानकारी देते हुए सीजेएम -कम -सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी हरप्रीत कौर ने बताया कि कुछ समय हले गिद्दड़बाहा की एनजीओ उम्मीद के प्रधान एडवोकेट नारायण सिंह की तरफ से सोशल मीडिया पर बताया गया था कि गिद्दड़बाहा की तीन बहनें अपने दादा -दादी के पास रहती थीं, जहां उनको उनकी चाची की तरफ से परेशान किया जा रहा था। इनके पिता की मौत पहले ही हो गई थी। पिता की मौत के बाद इनकी माता ने दूसरा विवाह कर लिया था। नेहा ने बताया था कि उनकी चाची उनको अनाथ आश्रम भेजने के लिए लगातार •ाोर डाल रही थी। लेकिन उनके दादा-दादी के विरोध करने पर ऐसा नहीं हो सका। उसने बताया कि करीब आठ महीने पहले उसकी चाची ने उसे पहली मंजिल से धक्का दे दिया था, जिस कारण उसका चूला टूट गया था। इलाज के लिए उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उचित इलाज के अभाव में वह ठीक नहीं हो पा रही थी। जिसके बाद उसके मोहल्ले के पार्षद की तरफ से एनजीओ उम्मीद के प्रधान एडवोकेट नारायण सिंह से संपर्क कर मामले की जानकारी दी गई। जिसपर तुरंत प्रतिक्रिया लेते हुए एनजीओ उम्मीद की एंबुलेंस ने नेहा को इलाज के लिए बठिडा के अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन वहां भी उसका इलाज नहीं हो पाया। सीजेएम हरप्रीत कौर ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से इस बारे में पता लगने के बाद उनकी तरफ से यह मामला जिला और सैशन जज कंवलजीत सिंह बाजवा के ध्यान में लाया गया, जिनकी तरफ से फौरन पीजीआई चंडीगढ़ में बात की गई। उन्होंने बताया कि पीजीआई की तरफ से इस संबंधी डाक्टरों की टीम का गठन किया गया और नेहा को 12 जुलाई 2021 को उम्मीद के सहयोग से गिद्दड़बाहा से इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया। जहां डाक्टरों की टीम ने नेहा की 18 जुलाई 2021 को सफल सर्•ारी की तथा 21 जुलाई को उसे वहां से छुट्टी भी मिल गई। उन्होंने बताया कि जिला और सैशन जज कंवलजीत सिंह बाजवा के दिशा -निर्देशों के अंतर्गत वह बच्ची के इलाज से लेकर अस्पताल से छुट्टी तक लगातार उसके संपर्क में रहे। उन्होंने बताया कि इलाज से पहले बच्ची की हालत बेहद ़खराब थी और वह चारपाई से उठ भी नहीं पा रही थी। पीजीआई के डाक्टरों ने जल्द ही नेहा के चलने -फिरने की उम्मीद जताई है। उन्होंने बताया कि जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी के इस सराहनीय कार्य की चारों ओर प्रशंसा हो रही है।