एसटीआइ बीमारियों को गंभीरता से लेने की •ारूरत : डा. गुरदीप सिंह कपूर

सिविल सर्जन डा. गुरदीप सिंह कपूर की अध्यक्षता में सिविल सर्जन दफ्तर के प्रशिक्षण हाल में जिला स्तरीय सेक्सुअली ट्रांसमिटिड इंफेक्शन /रीप्रोडक्टिव ट्रेक्ट इंफेक्शन (एसटीआइ /आरटीआइ) की दो दिवसीय प्रशिक्षण करवाया गया

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Jan 2021 11:12 PM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 11:12 PM (IST)
एसटीआइ बीमारियों को गंभीरता से लेने की •ारूरत : डा. गुरदीप सिंह कपूर
एसटीआइ बीमारियों को गंभीरता से लेने की •ारूरत : डा. गुरदीप सिंह कपूर

जागरण संवाददाता, नवांशहर

सिविल सर्जन डा. गुरदीप सिंह कपूर की अध्यक्षता में सिविल सर्जन दफ्तर के प्रशिक्षण हाल में जिला स्तरीय सेक्सुअली ट्रांसमिटिड इंफेक्शन /रीप्रोडक्टिव ट्रेक्ट इंफेक्शन (एसटीआइ /आरटीआइ) की दो दिवसीय प्रशिक्षण करवाया गया। जिसमें जिले की अलग -अलग सेहत संस्थाओं से स्टाफ नर्सों, मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर (फीमेल) और मल्टीपर्पज हेल्थ सुपरवाइ•ार (फीमेल) ने भाग लिया।

इस मौके पर संबोधन करते सिविल सर्जन डा. गुरदीप सिंह कपूर ने कहा कि हमें एसटीआइ /आरटीआइ के साथ संबंधी समस्याएं को गंभीरता के साथ समझने की •ारूरत है। यदि प्रजनन अंगों के साथ संबंधित बीमारियों का समय पर इलाज न करवाया जाए तो इसका लंबे समय के लिए सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हमें एसटीआइ /आरटीआइ की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।

सिवल सर्जन ने आगे बताया कि कुल व्यस्क आबादी में से प्रजनन अंगों की बीमारियों के साथ छह प्रतिशत लोग पीडि़त हैं और विकसित और विकासशील देशों में इसकी संख्या लगातार बढ़ रही है। इन बीमारियों का मुख्य कारण बैक्टीरिया, वायरस, प्रोटोजोआ, फंगल इंफेक्शन आदि होते हैं। इन जीवाणुओं के संक्रमण से पुरुष और महिला दोनों प्रभावित हो सकते हैं। डा. कपूर ने आगे कहा कि प्रजनन अंगों की सफाई की तरफ ध्यान न देना, महिलाओं में माहवारी के दौरान सफाई की कमी, प्रसूति, गर्भपात आदि करवाने के समय प्रोवाइडर की तरफ से सफाई का ध्यान न रखने के कारण यह बीमारियां होने का ़खतरा कई गुणा अधिक हो जाता है। इस मौके जिला परिवार भलाई अफसर डा. जतिदर सिंह ने संबोधित करते कहा कि इन बीमारियों की रोकथाम के लिए पीएचसी, सीएचसी, और •िाला स्तर के अस्पतालों में सरकार की तरफ से मुफ्त दवाएं मुहैया करवाई जातीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रजनन अंगों की बीमारी होने पर समय पर माहिर डाक्टर से इलाज करवाना चाहिए।

इस प्रशिक्षण में चमड़ी के रोगों के माहिर डा. वरिदर कुमार, स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. दीपाली व डा. मोनिका जैन ने प्रशिक्षण में इन बीमारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रजनन अंगों की बीमारियों के साथ गर्भपात, बांझपन, नवजात बच्चों में अंधापन और बच्चेदानी का कैंसर जैसी समस्याएं पैदा हो सकतीं हैं। इस मौके पर जिला मास मीडिया और सूचना अ़फसर जगत राम, ब्लाक एक्सटेंशन ऐजूकेटर विकास विर्दी सहित सेहत विभाग के ओर अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

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