डेंगू के डंक से भी बचने की जरूरत

सेहत विभाग की तरफ से जागरूकता मुहिम के तहत सोमवार को रेलवे रोड स्थित घरों व मोहल्ला भुच्चरां में डेंगू का लारवा नष्ट किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 10:46 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 10:46 PM (IST)
डेंगू के डंक से भी बचने की जरूरत
डेंगू के डंक से भी बचने की जरूरत

संवाद सू्त्र, नवांशहर : सेहत विभाग की तरफ से जागरूकता मुहिम के तहत सोमवार को रेलवे रोड स्थित घरों व मोहल्ला भुच्चरां में डेंगू का लारवा नष्ट किया गया। इससे पहले भी विभाग की टीम को चंडीगढ़ रोड व नई आबादी में कुछ गमलों में डेंगू का लारवा मिला था। प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि कोरोना का कहर अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में अगर डेंगू भी अपना दुष्प्रभाव देना शुरू कर देता है, तो मुश्किलें ज्यादा बढ़ सकती हैं। कोरोना के कहर के साथ-साथ हमें डेंगू के डंग से भी बचने की जरूरत है। स्वच्छ वातावरण से रोगों से बच सकते हैं

प्रिसिपल कृष्णा जोशी का कहना है कि खुद को रोगों से बचाने के लिए स्वच्छ वातावरण बनाए रखने की जरूरत है। डेंगू से बचने के लिए ऐसे कपड़े पहनने चाहिए, जिनसे पूरा शरीर ढका रहे। वैज्ञानिकों के मुताबिक मच्छर जलवायु परिवर्तन के अनुसार अपने को ढाल रहे हैं। सेंट्रलाइज एसी आफिस व घरों में मच्छर व अंडे, उनके लारवा और प्यूमा मिल रहे हैं। इसकी रिपोर्ट भी स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय एजेंसी को भेजी गई है। जहां लारवा मिले, वहां फागिंग हो

प्रिसिपल सतीश राजपाल का कहना है कि है कि जिन घरों में डेंगू का लारवा मिल रहा है, उन घरों में विभाग को अभी से फागिग करवाने के लिए कर्मचारियों को सतर्क कर देना चाहिए। आम तौर पर लोगों में यह धारणा पाई जाती है कि डेंगू का मच्छर गंदे पानी में ही पनपता है, जबकि यह साफ पानी में भी पनपता है। कप, कटोरी, पानी की बोतल तथा कूलर की टंकी, किसी भी जगह पर पांच या छह दिन तक पानी खड़ा रहने से उसमें डेंगू का लारवा होना शुरू हो जाता है। माहिरों के मुताबिक यह सात या आठ दिन में डंक मारने के लिए तैयार हो जाता है।

सेहत विभाग लगातार मोहल्लों में जांच करे

मनोज कंडा का कहना है कि डेंगू का लारवा मिलना सेहत के लिए अच्छे संकेत नहीं है। सरकार के मुताबिक डेंगू नोटिफाई बीमारी है। पता चलने पर इसकी सूचना सेहत विभाग को अवश्य देनी चाहिए। सेहत विभाग विभिन्न मोहल्लों में डेंगू के लारवा की जांच समय-समय पर नियमित रूप से करवाता रहे। लोग एक तरफ तो कोरोना की मार से प्रभावित हो रहे हैं, ऐसे मुश्किल घड़ी में अगर डेंगू का प्रकोप भी लोगों को डराने लगा तो जिला वासियों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है।

घर में और आसपास साफ-सफाई रखे

प्रिसिपल अशोक कुमार का कहना है कि विशेषज्ञों के अनुसार डेंगू का मच्छर दो सप्ताह के अपने जीवन काल में तीन बार अंडे देता है। यह अंडे विपरीत हालातों में भी सुरक्षित रहते हैं और यह बिना पानी भी जीवित रह सकते हैं। पानी पड़ते ही यह लारवा बन जाता है। यह कमरे के कोनों, बैंड के नीचे या परदे के पीछे छिपते हैं। अंडे के मच्छर बनने में आठ दिन लगते हैं। इस मच्छर की उड़ान 400 मीटर तक होती है। अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर व्यक्ति को घर के अलावा अपने आसपास भी साफ सुथरा रखना चाहिए।

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