नवांशहर में 400 को मारा डेंगू ने डंक, शहर में नहीं हो रही फागिग

डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। कोरोना के के साथ डेंगू के केस बढ़ने के कारण भी स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 04:44 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 12:54 AM (IST)
नवांशहर में 400 को मारा डेंगू ने डंक, शहर में नहीं हो रही फागिग
नवांशहर में 400 को मारा डेंगू ने डंक, शहर में नहीं हो रही फागिग

जागरण संवाददाता, नवांशहर : डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। जहां पहले कोरोना के केस कम हो गए थे और डेंगू के केस बढ़ने लगे थे, वहीं, अब कोरोना के केस बढ़ने के कारण भी स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। शहर में फागिग न होने से डेंगू के खतरे का माहौल बना हुआ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले में अभी तक 166 डेंगू के केस आए हैं और निजी लैब से टेस्ट करवाने वालों का आंकड़ा 400 से पार है। यह डेंगू के वो मरीज हैं, जो सरकारी अस्पताल में कोरोना का आइसोलेटेड वार्ड बने होने के कारण वहां इलाज करवाने के लिए नहीं जाते हैं। डेंगू होने पर यह मरीज अपने फैमिली डाक्टरों या निजी अस्पतालों से इलाज करवाते हैं। अधिकारियों की मानें तो मौसम में नमी की मात्रा होने के कारण 15 दिसंबर तक डेंगू के केस आते रहेंगे।

1044 जगह डेंगू का लारवा मिला

स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक 30 हजार से ज्यादा घरों, दुकानों व संस्थानों की जांच की है। इनमें से 1044 जगह डेंगू का लारवा मिला है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से हजारों डेंगू के लारवा को खत्म किए जाने के बाद भी हर दिन डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं।

शहर में नहीं करवाई गई पूरी फागिंग

शहर में डेंगू के मरीजों के संख्या बढ़ रही है। वहीं शहर की नगर कौंसिल भंग होने के कारण यहां डेंगू के बचाव को लेकर फागिंग की व्यवस्था नहीं हो रही, जिससे शहरवासी चिंतित हैं। शहर में मात्र कुछ स्थानों पर मच्छरों को मारने के लिए फागिग करवाई गई है। यह महज खानापूर्ति ही की गई है। शहर के स्लम क्षेत्रों में आज तक एक बार भी नगर कौंसिल ने फागिग नही करवाई है।

हर साल 1000 के करीब लोग करवाते हैं डेंगू का टेस्ट

जिले में हर साल एक हजार के करीब लोग अपना डेंगू का टेस्ट करवाते हैं और औसत 400 से लेकर 700 तक लोग डेंगू का शिकार हो जाते हैं। इनमें से औसत चार लोगों की मौत हो जाती है। 2017 में साल 888 लोगों ने डेंगू के टेस्ट करवाए थे और डेंगू के कारण जिले में तीन की मौत हुई थी, जबकि जिले में डेंगू के 312 मरीज थे। 2018 में जिले के 625 लोगों को डेंगू हुआ था और दो लोगों की डेंगू से मौत हुई थी। 2019 में 400 लोग डेंगू का शिकार हुए थे और तीन की मौत हुई थी। इस वर्ष तक यह आंकड़ा 400 को पार कर गया है और डेंगू से एक की मौत हो चुकी है।

डेंगू के लक्षण

डेंगू बुखार के लक्षणों में एक साधारण बुखार होता है। 104 फारेनहाइट डिग्री का बुखार होता है। इसमें सिर दर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी लगना, आंखों के पीछे दर्द, ग्रंथियों में सूजन और शरीर पर लाल निशान पड़ जाते हैं।

डेंगू से बचाव

डेंगू से बचने के लिए पेंट और पूरी बाजू की शर्ट पहनें, डेंगू मच्छर सुबह या शाम को ज्यादा सक्रिय होते हैं। ठहरे हुए साफ पानी में एडीज मच्छर पनपता है। पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढककर रखें।

15 दिसंबर तक डेंगू का खतरा

एपिडिमोलाजिस्ट डा.जगदीप का कहना है कि डेंगू में भूख न लगना, थकावट, खांसी, शरीर टूटना मुख्य लक्षण हैं। डेंगू बुखार में सिर और जोड़ों में दर्द, उल्टी आना, आंखों में जलन रहती है। इस बार डेंगू का सीजन देरी से शुरू हुआ है। 15 दिसंबर तक डेंगू का सीजन रह सकता है।

स्वास्थ्य विभाग के तालमेल से करवाई जाती है फागिंग

नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी राजीव सरीन कहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग से तालमेल कर शहर में फागिग करवाई जाती है। अगर किसी क्षेत्र में फागिग न हुई हो तो नगर कौंसिल में संपर्क किया जा सकता है।

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