शिशु- मातृत्व मृत्यु दर को घटाने के लिए तेज करें प्रयास
सिविल सर्जन डा. गुरदीप सिंह कपूर ने डिलीवरी के दौरान होने वाली मौत को कम करने संबंधी जिला स्तरीय कमेटी के साथ बैठक की। इस दौरान दो केस पर विचार-विमर्श किया गया।
जागरण संवाददाता,नवांशहर: सिविल सर्जन डा. गुरदीप सिंह कपूर ने डिलीवरी के दौरान होने वाली मौत को कम करने संबंधी जिला स्तरीय कमेटी के साथ बैठक की। इस दौरान दो केस पर विचार-विमर्श किया गया। सिविल सर्जन ने स्टाफ को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि मातृत्व मौत दर को घटाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। इन मौत के दौरान हुई कमियों को दूर किया जाए। उन्होंने बताया कि जननी शिशु सुरक्षा प्रोग्राम के तहत हर गर्भवती महिला को चेकअप, लैब टेस्ट, स्कैनिंग, अस्पताल आना और छोड़ना आदि की सेवाएं दी जाती हैं। इसके अलावा सरकारी संस्था में डिलीवरी करवाने पर फ्री खुराक और दवा सहित जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत वित्तीय मदद भी दी जाती है। इस अवसर पर जिला परिवार भलाई अफसर डा. राकेश चंद्र ने भी हिदायतें दीं। उन्होंने कहा कि यदि सेहत केंद्र में किसी भी गर्भवती महिला के पहली बार चेकअप के दौरान ही हाई रिस्क जैसे ब्लड प्रेशर बढ़ा हो, रक्त सात ग्राम से कम , तो उस मरीज को तुरंत जिला सरकारी अस्पताल स्तर पर रेफर किया जाए। उस समय उस मरीज के वारिस को समझाया जाए कि मां और बच्चे की जान के खतरे को कैसे घटाया जा सकता है। यह सब कुछ गर्भवती माताओं को भी बताना यकीनी बनाया जाए। डिलीवरी के साथ संबंधित गर्भवती माताएं स्पेशलिस्ट डाक्टर के पास सरकारी अस्पतालों में ही चेकअप करवाए। इस मौके पर सहायक सिविल सर्जन डा.जसदेव सिंह व डिप्टी मेडिकल कमिश्नर हरप्रीत सिंह,मेडिकल अफसर मोनिका जैन सहित अस्पताल स्टाफ के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।