रोजगार मेला: मात्र आठ हजार की तनख्वाह में मिल रही 12 घंटे की नौकरी

पंजाब सरकार के घर- घर रोजगार तथा कारोबार मिशन के तहत जिला स्तर पर लगाए गए मेगा रोजगार मेले में भाग लेने वाले आए प्रार्थियों ने प्रदेश सरकार के दावों की पोल खोल दी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 10:06 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 10:06 PM (IST)
रोजगार मेला: मात्र आठ हजार की तनख्वाह में मिल रही 12 घंटे की नौकरी
रोजगार मेला: मात्र आठ हजार की तनख्वाह में मिल रही 12 घंटे की नौकरी

एसके जोशी, नवांशहर: पंजाब सरकार के घर- घर रोजगार तथा कारोबार मिशन के तहत जिला स्तर पर लगाए गए मेगा रोजगार मेले में भाग लेने वाले आए प्रार्थियों ने प्रदेश सरकार के दावों की पोल खोल दी। मेले में भाग लेने वाले प्रार्थियों ने कहा कि पिछले साढे चार साल से सरकार घर-घर रोजगार देने की बात कर रही है। लेकिन प्रदेश सरकार की यह घोषणा खोखली निकली। प्रार्थियों ने बताया कि इन रोजगार मेलों में जो नौकरियां दी जा रही है। उसमें प्रार्थियों को 12 घंटे का कार्य तथा मात्र आठ हजार प्रति माह तनख्वाह दी जा रही है। जिससे घर का खर्च निकालना भी काफी मुश्किल है। प्रार्थियों ने बताया कि रोजगार भी घरों से काफी दूर मिल रहें हैं। दफ्तर आने जाने में ही आधे से ज्यादा पैसे किराए पर खर्च हो जाएंगे। यदि कोई प्रार्थी दो पहिया वाहन रखेगा तो उसे पेट्रोल का खर्च उठाना ही मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि रोजगार मेले में आना प्रार्थियों के लिए समय की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं है।

गांव मालेगांव से आए मोहित ने बताया कि वह ग्रेजुएट है और नौकरी की तलाश में रोजगार मेले में आया था। मगर लगता है कि मायूस होकर ही जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बेरोजगार होने के कारण कुछ बच्चे मानसिक तौर पर परेशान रहते हैं। जिस कारण कई नौजवान युवक गलत संगत में पड़कर अपराधिक घटनाओं को भी अंजाम दे रहे हैं। सरकारों को चाहिए कि नौजवानों को रोजगार मुहैया करवाएं। जिससे वह अपने देश में रहकर ही कामयाब हो सके न कि उन्हें विदेशों में जाकर काम करने को मजबूर होना पड़े।

वहीं गांव वजीदपुर के इंद्रजीत ने बताया कि वह आईटीआई मैकेनिकल डिप्लोमा होल्डर है। वह इस रोजगार कैंप में बहुत उम्मीदें लेकर आया था। मगर यहां आकर पता चला कि स्किल डेवलपमेंट कोर्स करने वालों को शुक्रवार को मेले में आना होगा। अब वह वापस अपने घर जाने के इंतजार में है।

वहीं बलाचौर से आई निशा ने बताया कि उसने मीडिया एंड टेक्नोलाजी इंफार्मेशन विषय में ग्रेजुएशन किया है। उसने उम्मीद जताई कि इस मेगा रोजगार मेले में किसी अच्छी कंपनी द्वारा उसे चुना जाएगा।

वहीं बंगा से आए गुरप्रीत सिंह ने बताया कि वह ग्रेजुएशन करने के बावजूद बेरोजगार है। उसने बताया कि सरकार ने चुनाव से पहले सरकारी नौकरियां देने का वादा किया था। मगर साढे चार साल गुजर जाने के बाद भी सरकारी तो क्या प्राइवेट नौकरियां भी नहीं मिल रही। जिसके कारण युवाओं को धक्के खाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

गांव हियाला से आई किरनप्रीत ने बताया कि वे बारहवीं पास है। नौकरी के लिए सुबह ही घर से निकल आई थी। मगर यहां आकर पता चला कि प्राईवेट कंपनियों की तरफ से बेहद मामूली वेतन पर प्रार्थियों को नौकरियां दी जा रही है। उसमें भी जो रोजगार दिए जा रहे हैं। उसमें प्रार्थियों को टारगेट पूरी करने पर ही तनख्वाह दी जाएगी। यदि टारगेट हासिल नहीं हो सका तो तनख्वाह भी नहीं मिलेगी।

प्रार्थी ज्योति ने बताया कि वह गांव जाफरपुर से आई है। उसने उम्मीद जताई कि इस मेगा रोजगार मेले में उसे किसी अच्छी कंपनी में रोजगार मिल जाएगा। उसने कहा कि सरकार को पढ़े-लिखे बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करवाने के लिए और प्रयास करनी चाहिए।

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