जीवन में गुरू का होना बड़े भाग्य की बात: स्वामी दयाल दास
संवाद सहयोगी काठगढ़ गुरु पूर्णिमा का पवित्र दिन होने के अवसर पर तप स्थान बौहड़ी साहिब में
संवाद सहयोगी, काठगढ़:
गुरु पूर्णिमा का पवित्र दिन होने के अवसर पर तप स्थान बौहड़ी साहिब में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने ब्रह्मलीन बाबा सरवन दास के दर्शन किए। तप स्थान के गद्दी नशीन स्वामी दयाल दास महाराज को सभी श्रद्धालुओं ने तिलक लगाकर पूजन करते हुए उनपर फूलों की वर्षा की। इस अवसर पर स्वामी दयाल दास ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु ज्ञान का सागर होता है, गुरु होना अपने आप में गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि पूर्ण गुरु का मिलना जीव के लिए अत्यंत भाग्य की बात होती है। गुरु द्वारा दिया गया शब्द नाम वाणी का हमेशा सिमरन करें और अच्छे मार्ग पर चलकर अपने जीवन को सफल बनाए। ब्रह्मलीन बाबा सरवन दास महाराज ने हमेशा गौ और गरीबों की रक्षा की है। गरीबों की सहायता की है। उनके द्वारा स्थापित किए गए कई धार्मिक स्थान जनता की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। उनके द्वारा खोले गए शिक्षण स्थानों का लाभ आज भी विद्यार्थी उठा रहे हैं। क्षेत्र की कई जानी मानी हस्तियों ने तप स्थान बौहड़ी साहिब में हाजिरी लगाई। इस दौरान लंगर भी वितरित किया गया। इस अवसर पर जोगिदर पाल दत्त, प्रिसीपल प्रेम प्रकाश शर्मा, सुभाष शर्मा, प्रिसीपल चमन लाल आनंद, सतपाल धीमान, रमेश चंद्र, गुलशन जोशी, प्रिस परमजीत पाला, प्रवीन चौधरी, ठेकेदार सुरजीत भाटिया, जसपाल भाटिया नंबरदार, सरपंच गुरनाम सिंह, सरपंच बलवीर भाटिया, धनी राम, अशोक कुमार आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। दर्शन गुरु जी तेरा मैं देख-देख जीवां से गूंज उठा नेशनल हाइवे..
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शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर डेरा ब्यास के मुख्य गद्दी नशीन संत गुरविदर सिंह ढिल्लों को बाबा मोहाली से डेरा ब्यास जाना था। संगत को इसकी सूचना मिल गई। नेशनल हाइवे पर जगह-जगह बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए बैठे रहे। रैलमाजरा बस अड़्डा, टौंसा बस अड्डा व टोल प्लाजा पर सैकड़ों बाबा जी के प्रेमी उम्मीद लगाकर बैठे रहे। इस दौरान वहां उपस्थित महिलाएं शब्द भी गुनगुनाती रही। दर्शन गुरु जी तेरा मैं देख-देख जीवां यह मधुर धुन हर आने जाने वाले वाहन चालक को सुनाई देती रही। बाबा जी की इस मोहाली से ब्यास जाने वाली फेरी ने वातावरण को आनंदमय बना दिया। लगभग सुबह आठ बजे से ही श्रद्धालु टोल प्लाजा पर पहुंचने शुरू हो गए। इस दौरान अपने कामकाज छोड़ कर गुरु महाराज को सजदा करने के लिए संगत सात घंटे तक बैठी रही। बाबा जी की कार देखते ही सभी खुश हो गए।