शहर में पाबंदी ताक पर, पालिथिन का इस्तेमाल धड़ल्ले से

नवांशहर पालीथिन के लिफाफों पर पाबंदी के बावजूद शहर में धड़ल्ले से इसकी बिक्री हो रही है। यही कारण है कि हर किसी को सब्जी आदि को पालीथिन में ले जाते देखा जा सकता है। हालांकि पहले नगर कौंसिल की तरफ से पालीथिन को लेकर चेकिंग की जाती थी और कार्रवाई भी होती थी। मगर अब ऐसा दिखाई नहीं देता है। यही कारण है कि शहर में बड़े स्तर पर पाबंदी के बावजूद पालीथिन का इस्तेमाल हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 10:48 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 10:48 PM (IST)
शहर में पाबंदी ताक पर, पालिथिन का इस्तेमाल धड़ल्ले से
शहर में पाबंदी ताक पर, पालिथिन का इस्तेमाल धड़ल्ले से

मुकंद हरि जुल्का, नवांशहर

पालीथिन के लिफाफों पर पाबंदी के बावजूद शहर में धड़ल्ले से इसकी बिक्री हो रही है। यही कारण है कि हर किसी को सब्जी आदि को पालीथिन में ले जाते देखा जा सकता है। हालांकि पहले नगर कौंसिल की तरफ से पालीथिन को लेकर चेकिंग की जाती थी और कार्रवाई भी होती थी। मगर, अब ऐसा दिखाई नहीं देता है। यही कारण है कि शहर में बड़े स्तर पर पाबंदी के बावजूद पालीथिन का इस्तेमाल हो रहा है। लोगों में भी इसकी पाबंदी को लेकर कोई खौफ नहीं है और वे अक्सर जूट या कपड़े के थैले की बजाय चीजें पालीथिन के लिफाफों में ही ले जाते हुए दिखते हैं। वहीं जिला प्रशासन भी इस ओर गंभीर नजर नहीं आ रहा है।

आजकल जिस किसी भी गली-मोहल्ले की तरफ देखा जाए, तो पालिथिन बिखरा पड़ा रहता है। इस पर गोवंश को भी मुंह मारते देखा जा सकता है, जो उनके स्वास्थ्य के लिए किसी भी तरह से हितकर नहीं है। वैसे तो नवांशहर नगर कौंसिल सफाई के लिए नंबर वन का अवार्ड भी हासिल कर चुकी है। मगर, हकीकत अब धरातल पर कुछ और ही है।

लोग जानते हैं कि पालीथिन वातावरण के लिए नुकसानदायक है। इसके बावजूद वे अब अपने साथ सामान खरीदने के लिए घर से कैरी बैग लेकर जाते कम संख्या में दिखते हैं। वहीं दूसरी ओर पालीथिन के गलियों में इधर-उधर बिखरे रहने से नालियां आदि भी जाम होती रहती हैं।

सबसे ज्यादा इस्तेमाल पालीथिन का शहर की सब्जी मंडी में रोजाना बेखौफ होकर हो रहा है। इस बारे में कोई भी गंभीर नजर नहीं आ रहा है। कोरोना और लाकडाउन की आड़ में किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में पालीथिन का कचरा शहर की सफाई व्यवस्था में धब्बा बनते जा रहा है।

वहीं पालीथिन के खिलाफ अगर देखा जाए तो लगभग एक वर्ष से नगर कौंसिल के कर्मचारियों ने इस बारे में कोई चेकिंग अभियान भी नहीं चलाया है। इससे पालीथिन बेचने वालों और इसका इस्तेमाल करने वालों के हौसले बुलंद हैं।

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पालीथिन के खिलाफ चलेगी मुहिम : ईओ

इस बारे में नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) राम प्रकाश का कहना है कि कोविड के कारण पिछले वर्ष मार्च में क‌र्फ्यू लग गया था। उसके बाद से कैसे हालात रहे हैं, सब भी को पता है। इसके बाद भी नगर कौंसिल की ओर से नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। वह कर्मचारियों को निर्देश देंगे कि माह में एक बार पालीथिन के खिलाफ मुहिम जरूर चलाई जाए।

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