आग से 95 एकड़ में जली वन संपदा
काठगढ़ शिवालिक की पहाड़ियों के जंगल में वीरवार तड़के लगी आग से 95 एकड़ में लाखों की वन संपदा जलकर राख हो गई। इस दौरान आसपास के गांवों के लोगों पर भी आग का साया मंडराता रहा और वे अपने घरों व पशुओं की सुरक्षा के लिए चितित रहे।
संवाद सहयोगी, काठगढ़
शिवालिक की पहाड़ियों के जंगल में वीरवार तड़के लगी आग से 95 एकड़ में लाखों की वन संपदा जलकर राख हो गई। इस दौरान आसपास के गांवों के लोगों पर भी आग का साया मंडराता रहा और वे अपने घरों व पशुओं की सुरक्षा के लिए चितित रहे।
बता दें कि शिवालिक की पहाड़ियों के साथ लगते गांव बनां, टौंसा, रैलमाजरा आदि के नजदीक जंगल में वीरवार सुबह आग लगने की सूचना जैसे ही सर्किल वन रेंज दफ्तर काठगढ़ फतेहपुर के रेंज अफसर रघवीर सिंह को मिली, वह अपनी टीम के साथ आग वाले क्षेत्र में पहुंचे। इस दौरान वन सुरक्षा कमेटियों के सदस्यों सहित फायर ब्रिगेड को भी बुलाया गया। मगर, तेज हवा के कारण आग बढ़ती गई और आग लगने वाले अंदरूनी क्षेत्र में फायर ब्रिगेड नहीं पहुंच सकी। इसके कारण किनारों पर बाद में फायर ब्रिगेड ने तथा जंगल के अंदर वन कर्मचारियों ने बुझाई। यह आग 12 घंटे से भी अधिक समय तक भड़की रही। वहीं इसे वीरवार देर रात बुझा दिया गया। आग कैसी लगी, इसका सही और ठोस कारण अभी नहीं पता चला है। उधर, प्रशासन का कोई भी अधिकारी आग लगने वाले क्षेत्र में नहीं पहुंचा।
इस बारे में चौकी इंचार्ज संदीप कुमार ने बताया कि जैसे ही आग लगने की उन्हें सूचना मिली, उन्होंने क्षेत्र के सभी उद्योगों की फायर ब्रिगेड को अलर्ट कर दिया ताकि गांवों तक आग न पहुंच सके। इसके साथ ही इस पर नजर रखने के लिए गश्त लगाई गई।
उधर, वन रेंज अफसर रघवीर सिंह ने बताया कि उक्त तीनों गांवों के पास वन विभाग का 95 एकड़ रकबा आग से प्रभावित हुआ है। आग लगने का मुख्य कारण किसी चरवाहे द्वारा सिगरेट या बीड़ी पीकर फेंकना हो सकता है। मगर, अभी ठोस कारण कुछ नहीं कहा जा सकता है। उधर, ब्लाक अफसर भूपिदर सिंह, वन गार्ड अमर सिंह देर रात तक आग बुझाने के काम में जुटे रहे।
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जंगली जानवर भागे
उक्त जंगल में आग लगने के कारण जंगली जानवर बंदर, सांभर, नील गाय आदि को डर कर गांवों की ओर भागे।