लॉकडाउन लगाकर बोलने की आजादी खत्म की जा रही : एटक
दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और अलग-अलग संगठनों के आह्वान पर शहर अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की बंगा रोड पर स्थित शहीद मलकीत चंद मेहली भवन में मीटिग हुई। इसमें एटक कनवीनर कामरेड स्वतंत्र कुमार व को-कन्वीनर कामरेड मुकंद लाल दलजीत सिंह सुज्जो बलवीर सिंह व यूटी मुलाजिम फ्रंट नेता कुलदीप सिंह दौड़ा भी विशेष तौर पर हाजिर हुए।
जेएनएन, नवांशहर: दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और अलग-अलग संगठनों के आह्वान पर शहर अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की बंगा रोड पर स्थित शहीद मलकीत चंद मेहली भवन में मीटिग हुई। इसमें एटक कनवीनर कामरेड स्वतंत्र कुमार व को-कन्वीनर कामरेड मुकंद लाल, दलजीत सिंह सुज्जो, बलवीर सिंह व यूटी मुलाजिम फ्रंट नेता कुलदीप सिंह दौड़ा भी विशेष तौर पर हाजिर हुए।
उक्त नेताओं ने कहा कि इस देश को अंग्रेजों से आजाद करवाते समय पर भगत सिंह के सपनों का देश बनाने का स्वप्न देखा था। आज सब पर पानी फिर चुका है। आजादी के इतने सालों के बाद के हालात पर हर किसी को रोना आ रहा है। सेहत शिक्षा और रोजगार जैसी बुनियादी ढांचे की सबसे बुरी हालत भाजपा के नरेंद्र मोदी की सरकार में हुई है। रेलवे, डिफेंस, एयर इंडिया, हवाई अड्डे, लाल किला, इसरो, स्पेस, टेलीकॉम, सब कुछ निजी हाथ में दे दिया है। काम की कोई गारंटी नहीं। कोरोना महामारी की एवज में लॉकडाउन लगाकर लोगों का ध्यान असली मुद्दों से हटा कर उनकी बोलने की आजादी खत्म कर दी गई है। अधिकारों की आवाज बुलंद करने वाले लोगों पर झूठे पर्चे दर्ज किए जा रहे हैं। कोरोना के कारण देश के चौदह करोड़ लोगों का रोजगार छिन गया है।