एड्स रोगी से भेदभाव करना गलत, उसे भी सम्मान के साथ जीने का हक

सिविल सर्जन डा. इंद्रमोहन गुप्ता की अगुवाई में सिविल सर्जन दफ्तर में बुधवार को विश्व एड्स दिवस मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 02:21 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 03:39 PM (IST)
एड्स रोगी से भेदभाव करना गलत, उसे भी सम्मान के साथ जीने का हक
एड्स रोगी से भेदभाव करना गलत, उसे भी सम्मान के साथ जीने का हक

जागरण संवाददाता, नवांशहर: सिविल सर्जन डा. इंद्रमोहन गुप्ता की अगुवाई में सिविल सर्जन दफ्तर में बुधवार को विश्व एड्स दिवस मनाया गया। इसका विषय असमानता व एड्स को खत्म करो था। इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद एड्स पीडित व्यक्तियों की मदद करना और एड्स के साथ जुड़े भ्रमों को दूर करते हुए लोगों को जागरूक करना है। सिविल सर्जन दफ्तर में डा. इंद्रमोहन गुप्ता ने एड्स की रोकथाम के लिए जागरूकता पोस्टर भी रिलीज किया। उन्होंने कहा कि एड्स रोगी को आत्म -सम्मान के साथ जीने का हक है। उनके साथ भेदभाव करना गलत है। एचआइवी एड्स के संक्रमण से बचने के लिए जागरूकता ही अहम उपाय है। एड्स मुख्य रूप में असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने, एड्स पीड़ित व्यक्ति का खून दूसरे व्यक्ति को चढ़ाने, गर्भवती अवस्था में एड्स पीडि़त मां का जन्म देने वाले बच्चे व एड्स पीड़ित व्यक्ति की सुई दूसरे व्यक्ति पर बरतना आदि के साथ होती है। एड्स के कारण शरीर में रोगों के साथ लड़ने की शक्ति कम हो जाती है, जिस कारण पीडित को टीबी सहित कई ओर बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। एक सर्वे अनुसार साल 1984 में इस बीमारी की पहचान होने के बाद अब तक 36 करोड़ से अधिक लोगों की एड्स के साथ मौत हो चुकी है। डा. गुप्ता ने कहा कि इस बीमारी के प्रति जागरूक होना हर व्यक्ति का प्रारंभिक फर्ज है। बीमारी का प्राथमिक अवस्था में ही पता लग जाए तो बीमारी की रोकथाम के लिए लगातार दवाओं का सहारा लेकर एड्स पीडित व्यक्ति लंबी जिदगी जी सकता है। यह हाथ मिलाने, छूने, चुंबन या किसी के साथ बैठ कर खाना खाने के साथ नहीं फैलती है। इसलिए हमें एड्स के रोगी के साथ नफरत नहीं करनी चाहिए, बल्कि उसको समाज में बनता सत्कार देना चाहिए, जिससे वह लंबी और तंदरुस्त जिदगी जी सके। इस मौके पर जिला समूह शिक्षा और सूचना अफसर जगत राम ने कहा कि इस बीमारी के बारे में जागरूकता की कमी होना, मरीज में इस बीमारी के प्रति डर और पीडि़त का सामाजिक बायकाट बहुत ही चिताजनक है और यह पीड़ित की हालत को और भी दुखद बना देता है। सभी सरकारी अस्पतालों में एड्स की मुफ्त टेस्टिंग की जाती है।

इस मौके जिला सेहत अफसर डा. कुलदीप राय, सहायक सिविल सर्जन डा. जसदेव सिंह, जिला परिवार भलाई अफसर डा. राकेश चंद्र, डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डा. हरप्रीत सिंह, जिला समूह शिक्षा और सूचना अफसर जगत राम सहित कई सेहत अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

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