प्रशासन के प्रयास बेअसर, नहीं रुक रहा बाल श्रम

जिले में बाल मजदूरी खत्म करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रयास तो किए जाते हैं पर इन प्रयासों को बावजूद बाल मजदूरी जारी है

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 07:06 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 07:06 PM (IST)
प्रशासन के प्रयास बेअसर, नहीं रुक रहा बाल श्रम
प्रशासन के प्रयास बेअसर, नहीं रुक रहा बाल श्रम

कुलविदर सोनू, नवांशहर

जिले में बाल मजदूरी खत्म करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रयास तो किए जाते हैं पर इन प्रयासों को बावजूद बाल मजदूरी जारी है। शहर में विभिन्न स्थानों पर बच्चे बाल मजदूरी करते अक्सर दिख जाते हैं। कुछ दिन पहले ही बलाचौर से बाल मजदूरी करने वाले चार लोगों को छुड़वाया गया था।

देखने में आता है कि जब जिला बाल सुरक्षा विभाग की ओर से बाल मजदूरी को रोकने के लिए शहर में अभियान चलाया जाता है तो कुछ समय के लिए बाल मजदूरी रूक जाती है पर कुछ समय बाद फिर से यह शुरू हो जाता है। वर्ष में मात्र कुछ दिनों के लिए चलाई जाती है मुहिम

-पूरे वर्ष में मात्र कुछ दिनों के लिए बाल मजदूरी को रोकने के लिए मुहिम चलाई जाती है। हर साल 12 जून को दुनियाभर में 'अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस' मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत ओर से बाल म•ादूरी के खिलाफ जागरूकता फैलाने और 14 साल से कम उम्र के बच्चों को बाल मजदूरी से निकालकर उन्हें शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से की गई। 12 जून से कुछ दिन पहले ही विभाग की ओर से यह मुहिम चलाई जाती है। अगर हर माह ही इसे चलाया जाए तो बाल मजदूरी पर रोक लगाई जा सकती है।

दावे तो बहुत हैं, पर कार्रवाई नहीं होती

सरकार द्वारा चाहे बाल मजदूरी के विरुद्व कानून पास करके इसे रोकने के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि यह सभी दावे मात्र कागजी कार्रवाई तक ही सीमित होकर रह गए है। क्योंकि आज भी ढाबों, रेस्टोरेंट, सब्जी मंडी चाय की दुकानों आदि में काम करने के लिए मजबूर हैं और इन बाल मजदूरों का सरेआम शोषण किया जा रहा है। छोटे-छोटे बच्चे सड़कों पर आम देखे जा सकते है। खुद मजदूरी करने वाले बच्चों के अभिभावक भी मानते हैं कि वह गरीबी के चलते घर के गुजारे के लिए 8260717091 6 बच्चों से बाल मजदूरी करवाने के लिए मजबूर है।

बाल मजदूरी रोकने के लिए चलाया जाता है अभियान

इस बारे में जिला बाल सुरक्षा अधिकारी कंचन अरोड़ा कहना है कि बाल मजदूरी को रोकने के लिए पूरे वर्ष ही मुहिम को चलाया जाता है। उन्होंने कहा कि नवांशहर से जहां हाल ही भीख मांगने वाले आठ बच्चों को शैल्टर होम भेजा गया वहीं बलाचौर से बाल मजदूरी करने वाले चार बच्चों को छुड़ाया गया है।

chat bot
आपका साथी