हाईवे पर पांच किमी. तक नहीं क्रासर, गलत दिशा से आने पर होते हैं हादसे

यातायात नियमों का पालना न करने से जिले में दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं पुलिस की ओर से बेशक हर माह 800 के करीब चालान किए जाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 10:06 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 10:06 PM (IST)
हाईवे पर पांच किमी. तक नहीं क्रासर, गलत दिशा से आने पर होते हैं हादसे
हाईवे पर पांच किमी. तक नहीं क्रासर, गलत दिशा से आने पर होते हैं हादसे

सुशील पांडे, नवांशहर : यातायात नियमों का पालना न करने से जिले में दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं पुलिस की ओर से बेशक हर माह 800 के करीब चालान किए जाते हैं लेकिन फिर भी लोग ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना करते हैं। गलत दिशा में जा रहे वाहन ही मुख्य रूप से दुर्घटना का कारण बनते हैं। पिछले दिनों गलत दिशा से आ रहे ट्रैक्टर ट्राली की चपेट में आने से काठगढ़ में मोटरसाइकिल पर सवार तीन युवकों की मौत हो गई थी। जहां हाईवे बनने से पहले सड़क खराब होने व संकरी होने के कारण वाहनों की आमने-सामने टक्कर में लोगों की मौत होती थी वहीं अब हाईवे बनने के बाद और करीब पांच किलोमीटर पर एक भी क्रासर होने के कारण गलत दिशा से आ रहे वाहन दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। हाईवे बनने के बाद से दुर्घटनाओं मे वृद्धि हुई है और यह सभी हादसे गलत दिशा से मुड़ने के कारण ही हो रहे हैं।

बेतरतीब खड़े वाहन भी बनते हैं हादसे का कारण

बंगा रेलवे फाटक से लेकर नवांशहर के सरकारी अस्पताल के करीब चार किलोमीटर क्षेत्र में जगह-जगह बेतरतीब वाहन खड़े दिखाई देते हैं। शहर के भीतर ही बंगा मार्ग से लेकर चंडीगढ़ चौक के बीच सैकड़ों वाहन खड़े रहते हैं। लोग सड़क पर ही वाहन खड़ा कर बाजार से सामान लाने चले जाते हैं। हाईवे का हिस्सा होने के कारण इस सड़क पर आने वाले वाहन भी 80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से वाहन गुजरते हैं। मिल के शुरू होते ही सड़क दुर्घटना होने का बढ़ जाता है खतरा

बंगा रोड पर चीनी मिल में पिराई सीजन शुरू हो चुका है जिसके चलते किसानों ने भी अपने खेतों में उगाया गन्ना मिल में लाना शुरू कर दिया है। शाम के समय सड़क पर हालात यह होते हैं कि सड़क पर गन्ने से लदी ट्रालियों की कतारें लग जाती हैं। धुंध व कोहरे के मौसम में भी जब मिल में ट्रालियां अंदर ले जाने की जगह नहीं बचती तो गन्ने से लदी ट्रालियां बाहर ही खड़ी रहती हैं। वहीं जो ट्रालियां सड़कों पर चलती है उनके पीछे रिफ्लेक्टर नहीं लगे होते हैं।

नियमों का उल्लंघन करने पर वसूला 7.59 लाख रुपये

पुलिस ने अक्टूबर में 777 चालान किए हैं। इनमें से 152 चालान मौके पर ही किए गए हैं और 94 हजार रुपये वसूले गए हैं। वहीं बाकि के चालानों से ट्रैफिक पुलिस को सात लाख 59 हजार 60 रुपये की राशि प्राप्त हुई है। सबसे ज्यादा 204 चालान हेलमेट न पहनने वालों के किए गए हैं। वहीं तेज रफ्तार के 76 चालान हुए हैं और वाहन चला कर मोबाइल सुनते हुए 19 चालान किए गए हैं। बिना सीटबेल्ट के 31 चालान हुए हैं। ---कोट्स--

पुलिस की ओर से समय-समय पर चालान किए जाते हैं लेकिन फिर भी भी लोग ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने से पीछे नही हटते हैं। हर माह औसत सात सौ से लेकर आठ सौ तक चालान किए जाते हैं।

-- रत्न सिंह, ट्रैफिक इंचार्ज।

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