सादगी से मनाया दशहरा, इस बार नहीं लगा मेला
नवांशहर कोविड 19 का असर इस बार दशहरे पर भी साफ तौर पर दिखाई दिया। नवांशहर में सालों से बड़ी धूमधाम से दशहरा मनाया जाता था।
जेएनएन, नवांशहर: कोविड 19 का असर इस बार दशहरे पर भी साफ तौर पर दिखाई दिया। नवांशहर में सालों से बड़ी धूमधाम से दशहरा मनाया जाता था। करीब 22 वर्ष से हर साल शहर में दशहरे पर मैदानों में मेले लगते थे । बड़ी संख्या में लोग दशहरा देखने के लिए आते थे, पर इस बार दशहरा उत्सव कमेटी ने कोरोना के कारण दशहरा सादगी के साथ मनाने का फैसला किया था। इस कारण किसी भी राजनीतिक, सामाजिक या फिर किसी भी अन्य संस्था को दशहरे के मौके पर निमंत्रण नहीं दिया गया था। इस बार रावण परिवार के पुतलों की लंबाई सिर्फ पांच- पांच फीट ही रखी गई थी। रविवार को विजयादशमी के मौके पर सबसे पहले पंडित अंबा दत्त ने पूजन किया गया। इसके बाद दशहरा उत्सव कमेटी के सदस्य अजीत सरीन ने मेघनाद के पुतले को अग्नि भेंट की। उसके बाद कुंभकरण के पुतले को राजेश भारद्वाज और मोद प्रकाश पाठक व रावण के पुतले को अग्नि मुकंद हरि जुल्का ने भेंट की। इस मौके दशहरा उत्सव कमेटी के अन्य सदस्यों में दिनेश गौतम, सतीश तेजपाल, दीक्षित भारद्वाज व महेश दत्ता भी उपस्थित रहे। रावण परिवार के पुतलों को अग्नि देने के बाद दशहरा ग्राउंड में विराजमान हनुमान जी का ध्वज पंडित अंबा दत्त ने चढ़ाया।