पांच साल से पराली को आग लगाए बिना गेहूं की बुआई कर रहा किसान कुलजीत सिंह

किसान कुलजीत सिंह पराली को जलाए बिना गेहूं की बुआई कर रहा है। ऐसा करके कुलजीत सिंह पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा रहा है। वहीं दूसरे किसानों को भी जागरूक कर रहा है। किसान कुलजीत ¨सह ने बताया कि वह अपने 23 एकड़ रकबे में खेती करता है।

By Edited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 03:49 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 10:05 AM (IST)
पांच साल से पराली को आग लगाए बिना गेहूं की बुआई कर रहा किसान कुलजीत सिंह
किसान कुलजीत सिंह ने पहले साल उसने पराली को रोटावेटर से खेत में मिलाया, इसके बाद गेहूं की बुआई की।

मलोट (श्री मुक्तसर साहिब), जेएनएन। गांव मलोट का किसान कुलजीत सिंह पराली को जलाए बिना गेहूं की बुआई कर रहा है। ऐसा करके कुलजीत सिंह पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा रहा है। वहीं, दूसरे किसानों को भी जागरूक कर रहा है। किसान कुलजीत सिंह ने बताया कि वह अपने 23 एकड़ रकबे में धान की खेती करता है। अब गेहूं की बुआई शुरू कर रहा है। वह पिछले पांच साल से धान की पराली को आग लगाए बिना गेहूं की बुआई कर रहा है। पहले साल उसने पराली को रोटावेटर से खेत में मिलाया, इसके बाद गेहूं की बुआई की।

किसान ने बताया कि पराली को खेल में मिलाने के बाद अच्छी फसल पैदा होती है और मिट्टी उपजाऊ होती है। इसके अलावा हैप्पी सीडर से करीब 350 एकड़ किराये पर गेहूं की बुआई की थी। हैप्पी सीडर किसान को खेतीबाड़ी तथा किसान भलाई विभाग द्वारा सब्सिडी पर मुहैया करवाया गया था। उन्होंने किसान से अपील करते हुए कहा कि किसान पराली को आग न लगाएं, क्योंकि इससे वातावरण प्रदूषित होता है तथा जमीन के निचले भाग के तत्व खत्म हो जाते हैं।

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