शिक्षा विभाग तथा अफसरशाही की सांझा अध्यापक मोर्चे ने की निंदा
सांझा अध्यापक मोर्च ने शिक्षा विभाग में पंजाब सरकार के 50 फीसद स्टाफ के साथ काम करने की मांग।
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब : सांझा अध्यापक मोर्च ने शिक्षा विभाग में पंजाब सरकार के 50 फीसद स्टाफ उपस्थिति के फैसले को सही तरीके से लागू न करने की निंदा की। संगठन ने अफसरशाही की तरफ से की जा रही मनमर्जी का गंभीर नोटिस लिया है।
साझा अध्यापक मोर्चा के राज्य कन्वीनर विक्रम देव सिंह, हरजीत सिंह बसोता, सुखविदर सिंह चाहल, बलकार सिंह, बलजीत सिंह तथा को कन्वीनर सुखराज सिंह तथा सुखजिदर सिंह हरिके ने सांझा बयान जारी करते हुए बताया कि बीते दिन मुख्यमंत्री ने पंजाब भर के सरकारी दफ्तरों, स्कूलों में कार्य करते कर्मचारियों को 50 फीसद को रोटेशन वाइज उपस्थित होने की की सुविधा जारी की थी। लेकिन पंजाब के शिक्षा विभाग ने इसको अधिक स्टाफ वाले स्कूलों पर लागू करने के बार में पत्र जारी करके मुख्यमंत्री के निर्देश को अनदेखा कर दिया है, क्योंकि पंजाब भर के अधिकतर स्कूलों में खास करके प्राइमरी तथा मिडिल स्कूलों में स्टाफ के सदस्यों की संख्या 10 से कम है। दूसरी तरफ सिविल तथा पुलिस प्रशासन की तरफ से एक वाहन में दो से अधिक सवारियां होने के मामले में भी अध्यापकों को परेशान किया जा रहा है। इस सबको देखते हुए शिक्षा विभाग से सभी स्कूलों में बिना शर्त रोजाना 50 फीसद उपस्थिति का फैसला लागू करने की मांग की है। नेताओं ने कहा कि कोरोना के प्रसार के दौर में भी अपनी जिम्मेवारी तनदेही से निभा रहे समूचे अध्यापक वर्ग के लिए वह उच्च स्तरीय सेहत सुविधाएं मुहैया करवाएं, जान गंवाने वाले अध्यापकों के लिए 50 लाख का बीमा उपलब्ध करने तथा प्रमोशन विभाग की तरफ से जारी पत्र अनुसार कोरोना पाजिटिव होने पर 17 से 30 दिन तक वेतन सहित स्पेशल अवकाश देने की मांग की है। इसके साथ ही वैक्सीन की कमी होने तथा वैक्सीनेशन न करवाने वालों का वेतन रोकने की कड़ी निंदा की।