पंजाब रोडवेज व पनबस में चल रहे वीटीएस के कारण निजी बस आपरेटरों की कमाई में बढ़ी
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब : पंजाब रोडवेज व पनबस कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन मुक्तसर साहिब में ब
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब : पंजाब रोडवेज व पनबस कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन मुक्तसर साहिब में बैठक हुई। इस अवसर पर राज्य के महासचिव कमल कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से पंजाब रोडवेज, पनबस में वेहिकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) लागू करके ट्रांसपोर्ट विभाग को समाप्त करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बीते दिन एक जून से सरकार बसों में भी टीएस सिस्टम लागू किया है। जिस कारण रोडवेज, ननबस के सभी टाइम, रूटों का इंतजाम इस सिस्टम में किया गया है। कोई भी सरकारी बस एक मिनट भी देरी के साथ नहीं चलेगी। पंजाब रोडवेज व पनबस की सभी बसें वीटीएस सिस्टम अनुसार चल रही है। डिपो प्रधान हरजिदर सिंह ने कहा कि इस सिस्टम के अनुसार पंजाब रोडवेज, ननबस की कोई भी बस अपने टाइम अनुसार ही काउंटर से चलेंगी। सेक्रेटरी तरसेम सिंह ने बताया कि इस वीटीएम सिस्टम का सारा लाभ निजी प्राइवेट बस आपरेटरों को दिया गया है, क्योंकि पंजाब रोडवेज, पनबस के पास पहले ही बहुत कम बसें है। पंजाब सरकार की तरफ से इन बसों का फ्लीट पूरा करने का कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है। जब अब विभाग के पास 13 सौ से भी कम बसें है। कैशियर मनजीत सिंह ने कहा कि कुछ बसें खस्ता हालात में वर्कशाप में खड़ी रहती हैं। वर्कशाप स्टाफ गुरविदर सिंह ने कहा कि सरकार की तरफ से कोरोना महामारी के कारण रोडवेज की बसों में सिर्फ 25 सवारियां ले जाने तथा एक अप्रेल से महिलाओं को मुफ्त सफर की सुविधा के कारण विभाग को करोड रुपये का नुक्सान हुआ है। क्योंकि सरकार की तरफ से विभाग को महिलाओं को सफर करवाने का बनता करोड़ों रुपये का क्लेम पेंडिग पड़ा है। मीत प्रधान गुरमेल सिंह ने बताया कि दो माह का समय बीत जाने तक अभी तक सरकार के पास विभाग को फ्री सफर की सुविधा का एक भी रुपया नहीं दिया गया, जिस कारण पंजाब रोडवेज, पनबस के कई कार्य पैसे की कमी के कारण अधूरे पड़े है। जिस कारण विभाग में एसआरटी, एमवीटी फास्ट टैग जैसे टैक्स न भरने तथा बसों की मरम्मत करने के लिए स्पेयर पार्ट्स टिकट मशीनें खरीदने के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग मजबूर हो चुका है। सहायक सचिव बलकार सिंह ने कहा कि अगर वर्करों की मांगें न मानी गई तो आने वाले समय में 28 से 30 जून तक तीन दिन की हड़ताल की जाएगी। इस दौरान विधायक तथा मंत्रियों का घेराव करके काली झंडियां दिखाई जाएंगी।