पराली खेत में मिलाकर लेते हैं अधिक झाड़
पंजाब सरकार की हिदायतों पर खेतीबाड़ी तथा किसान भलाई विभाग के निर्देश पर पराली नहीं जला रहे किसान
संवाद सूत्र, मलोट (श्री मुक्तसर साहिब)
पंजाब सरकार की हिदायतों पर खेतीबाड़ी तथा किसान भलाई विभाग मुक्तसर की तरफ से पराली को सही तरीके से निपटारे के लिए गांव-गांव में प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत गांव अबुल खुराना ब्लाक लंबी के नौजवान किसान सुखप्रीत सिंह तथा राजविदर सिंह ने बताया कि वह पराली नहीं जलाते हैं।
सुखप्रीत सिंह ने बताया कि उसने पास 20 एकड़ में धान की खेती की है व बीते तीन वर्षों से पराली और गेहूं की नाड़ को आग नहीं लगाई। बीते वर्षों से उन्होंने बेलर की सहायता से गांठें बनाकर पराली की संभाल की तथा जीरो ड्रिल से गेहूं की बिजाई की। उन्होंने सिर्फ रोटावेटर की मदद से ही पराली को मिट्टी में मिलाकर गेहूं की बिजाई की। उन्होंने बताया कि वह पराली जमीन में मिलाकर गेहूं की बिजाई करते हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए सुपर सीडर जैसी मशीनरी की जरुरत होती है। पराली को मिट्टी में मिलाने से शोरे की समस्या का हल होता है। जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ने से झाड़ भी बढ़ जाता है।