पंजाब सरकार के खिलाफ अर्थी फूंक प्रदर्शन

सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के निमंत्रण पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 05:29 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 05:45 PM (IST)
पंजाब सरकार के खिलाफ अर्थी फूंक प्रदर्शन
पंजाब सरकार के खिलाफ अर्थी फूंक प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब

सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के निमंत्रण के तहत पवन कुमार, प्रगट जंबर, मनजीत सिंह की अगुआई में पंजाब सरकार कीअर्थी फूंक प्रदर्शन कर अध्यापकों ने नई शिक्षा नीति 2020 लागू करवाने के खिलाफ संघर्ष करने का ऐलान किया है। प्राइमरी अध्यापकों की बदलियों को ढाई माह से लागू न करने, प्राइमरी हेड टीचरों की समाप्त की 1904 असामियों को बहाल न करने, अध्यापक संघर्षों दौरान हुए विकटेमाइजेशनों को रद न करने तथा शिक्षा मंत्री की तरफ से बैठक का समय देकर बदलने की निदा की गई।

शिक्षा सचिव की तरफ से अध्यापकों को दाखिलों के लिए दबाव बनाकर लोगों के घरों में भेजने के लिए मजबूर करने, कोरोना तथा अन्य बीमारियों का शिकार होकर जान गंवाने वाले अध्यापकों के संबंध में दुख प्रगट करते हुए अध्यापकों को कोरोना योद्धा घोषित कर, 50 लाख का सेहत बीमा, 50 फीसद स्टाफ उपस्थित, सभी स्कूलों पर लागू करने तथा प्रमोशन विभाग की हिदायतों अनुसार 17 से 30 दिन का वेतन सहित एकांतवास छुट्टी सेहत विभाग में लागू करने की मांग की।

मोर्चे के कुलविदर सिंह, नवदीप सुखी, कुलविदर सिंह, गुरप्रीत संधू, गुरप्रीत संधू, हरबक्श बहादर, पवन चौधरी ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से शिक्षा प्रबंध को अधिक बेहतर बनाने के लिए प्राइमरी, मिडिल, सेकेंडरी स्कूल के हर कड़ी को मजबूत करने की बजाए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्राइमरी तथा मिडिल स्कूलों का खात्मा करने की नीतियां लाई जा रही है। पंजाब सरकार ने अपने चार वर्ष के कार्यकाल में मुलाजिमों को हकों से वंचित रखा है। इसके तहत स्कूलों में सभी खाली हजारों आसामियों की भर्ती नहीं की। समूह कच्चे अध्यापकों, नान टीचिग को पक्का नहीं किया, हजारों अध्यापकों के वेतन कटौती को दिए भरोसे अनुसार रिव्यू नहीं किया। सोसायटी अधीन रेगुलर कम्प्यूटर अध्यापकों को विभाग में शिफ्ट नहीं किया, छठे पंजाब वेतन कमिशन द्वारा अध्यापकों को वेतन में बढ़ोतरी करने की जगह वर्ष 2011 में वेतन ग्रेडों पर ही रोक लगाने की सिफारिश की गई। पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने सहित अन्य मुलाजिमों की मांगें भी पूरी नहीं की। मोर्चे ने अध्यापकों को एक जून की शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिगला के चुनाव हलके संगरूर में घोषित राज्य स्तरीय रैली का बड़ी संख्या में हिस्सा बनने का निमंत्रण भी दिया।

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